सूरत। सूरत लिटरेरी फाउंडेशन की ओर से वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी में आयोजित सूरत लीट फेस्ट-2024 के अंतिम दिन वर्ष 2047 में भारत कैसा होगा इस पर मंथन किया गया। कार्यक्रम के पहले सत्र में राजनीति पर चर्चा हुई। मौजूदा राजनीति में युवाओं की भागीदारी के साथ-साथ बदले राजनीतिक परिप्रेक्ष्य पर चर्चा की गई। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि देश में 2014 के बाद सही मायनों में लोकतंत्र आया है। इससे पहले कहा जाता था कि एक परिवार के लिए ही राजनीति है। गुरुप्रसाद पासवान ने अपने पिता द्वारा दिए गए राजनीतिक विचारों पर अपनी बातें रखी। दूसरा सत्र विशेष सत्र के रूप में आयोजित किया गया, जिसमें कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मौजूदा सरकार द्वारा कानून में बदलाव का विरोध किया और अपील की कि कानून बदलने से नहीं बल्कि व्यवस्था बदलने से लोगों को न्याय मिलेगा। इस सत्र का संचालन पत्रकार सुमित अवस्थी ने किया।
तीसरे सत्र में भारतीय सिनेमा पर चर्चा हुई। फिल्म द केरला स्टोरी की अभिनेत्री अदा शर्मा ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मैं फिल्म इंडस्ट्री से नहीं हूं, बाहरी हूं, इसलिए मुझे इंडस्ट्री का साथ नहीं मिला। लेकिन मेरी फिल्म TKS को जनता ने हिट करवाया। इसके साथ ही उन्होंने अपनी आने वाली फिल्म बस्तर के बारे में भी बात की।
चौथा सत्र भारतीय मीडिया पर आयोजित किया गया। पत्रकार अजीत भारती ने कहा कि “बहुत से लोग सोचते हैं कि सरकार विरोधी होना पत्रकारिता है। लेकिन यह काम नक्सली कर रहे हैं। जबकि मीडिया को सकारात्मक बात करनी चाहिए। स्वाति गोयल शर्मा ने लव जिहाद को लेकर अपने अनुभव के बारे में लोगों को बताया। पत्रकार अनुराग सक्सेना ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मौजूदा सरकार किस तरह विकास के साथ-साथ विरासत को भी कायम रख रही है। इस पूरे सत्र का संचालन दीपिका वशिष्ठ ने किया। अंत में पवित्रा श्रीनिवासन द्वारा गीता नाट्यम प्रस्तुत किया गया।
सूरत लिटरेरी फाउंडेशन द्वारा आयोजित सूरत लिट फेस्ट तीन दिवसीय कार्यक्रम का यह दूसरा संस्करण था। इन तीन दिनों में विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की। अगले 25 वर्षों में जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा तो भारत कैसा होना चाहिए। सूरत लिटरेरी फाउंडेशन की ओर से आने वाले समय में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।