नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से ऐसी खबरें चल रही हैं कि यूक्रेन की सेना बिहार में बने तोप के गोलों से रूस से युद्ध कर रही है। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें यहां तक कहा गया कि भारत ने यूक्रेन को तोप के गोले भेजे हैं। जानकारों के अनुसार ऐसा वीडियो भारत और रूस की दोस्ती में दरार डालने की कोशिश मात्र है। विदेश मंत्रालय ने तोप के गोले भेजने के दावाें को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में बताया कि भारत ने यूक्रेन को कोई तोप के गोले नहीं भेजे हैं। उनकी ओर से इनका निर्यात भी नहीं किया गया है। यूक्रेन को हथियार भेजने की गलत खबरें चल रही हैं। हम यहां स्पष्ट करना चाहते हैं कि भारत की ओर से तोप के गाेले नहीं भेजे गए हैं। विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता ने कहा कि भारत आज भी अपने पुराने स्टैंड पर कायम है।
भारतीय वायुसेना के एक पूर्व अधिकारी और रक्षा विशेषज्ञ विजेन्द्र ठाकुर ने रशियन न्यूज वेबसाइट स्पूतनिक के साथ बातचीत करते हुए कहा कि भारत को खतरे में डालने के लिए जानबूझकर भारतीय तोपखाने के गोलों की तस्वीरें लीक की गई हैं। उन्होंने स्लोवेनिया पर भारत को गुमराह करने और भारत से गोला-बारूद खरीदकर यूक्रेन भेजने का आरोप लगाया है। ठाकुर ने कहा कि भारतीय खुफिया एजेंसियां इस बात की जांच करें कि ये तस्वीरें सोशल मीडिया में कैसे लीक हुईं। बता दें, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में बिहार के नालंदा में स्थित ऑर्डनेंस फैक्ट्री में निर्मित 155 मिमी तोप के गोले नजर आ रहे हैं।
यूक्रेन की सेना बिहार में बने तोप के गोलों से युद्ध लड़ रही..? सोशल मीडिया में वायरल हो रही तस्वीरों पर विदेश मंत्रालय ने दी सफाई
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