Thursday, April 10, 2025
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सार्वजनिक समारोह में गीता का उपदेश दे रहे हैं रिटायर्ड मुस्लिम प्रिंसिपल,भगवान का नाम लेते ही आंखों में आंसू आ जाते हैं

सूरत। शहर के रांदेर इलाके में गंगा-जमुनी तहजीब की एक नई मिसाल सामने आई है। एक रिटायर्ड मुस्लिम प्रिंसिपल भगवद् गीता और रामायण की कथा सुना रहे हैं। अब तक 50 से अधिक बार कथा सुना चुके हैं। अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां चल रही है। 69 वर्षीय मुहम्मद सुलेमानी मिचला भगवद् गीता और रामायण की कथा सुना रहे हैं। मिचला पेशे से शिक्षक थे और प्रिंसिपल होकर रिटायर हो चुके हैं। वह बताते हैं कि छठवीं कथा में उन्होंने पहली बार संस्कृत में लिखित कठोपनिषद में नचिकेता की कथा पढ़ी थी। उन्हें उसका अर्थ समझ में नहीं आया तो स्कूल के शिक्षक से जानने की कोशिश की थी। शिक्षक ने उन्हें नचिकेता की कथा विस्तृत रूप से समझाई थी। जिसके बाद से उन्होंने तय किया कि अब संस्कृत में लिखी किताबों को पढ़ेंगे और हिंदू धर्म के अलग-अलग ग्रंथो को भी पढ़ेंगे। वह 15 साल के थे तभी से भगवद् गीता रामायण और महाभारत की किताबों को छोटे-छोटे हिस्सों में पढ़ना शुरू किया था। उन्होंने अपने घर पर उर्दू में लिखी भगवद् गीता और महाभारत, रामायण की किताब इकट्ठा की। वह तब से लेकर आज तक उसे पढ़ रहे हैं। मुस्लिम शिक्षक अब तक 25 से अधिक आयोजनों में भगवद् गीता की कथा सुना चुके हैं। वह अयोध्या के श्रीराम मंदिर में जाकर दर्शन करना चाहते हैं, लेकिन अस्वस्थ होने की वजह से पहुंचना मुश्किल है।

परमात्मा का नाम लेते ही आंखो से आंसू बहने लगते हैं
रिटायर्ड प्रिंसिपल जब भी परमात्मा के बारे में बात करते हैं या किसी श्लोक का अर्थ बताते हैं अथवा किसी साधु-संत की वाणी सुनाते हैं तो उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि भगवद् गीता को उन्होंने 30 से ज्यादा बार पढ़ा है, पर अभी तक जीवन में पूरी तरह नहीं उतर पाए हैं, इतना कहते ही वह भावुक हो जाते हैं।

मेरा विरोध करने वालों को भगवद् गीता पढ़ने की जरूरत है
मोहम्मद सुलेमान मिचला का कहना है कि छोटी सी उम्र में मुझे परमात्मा से प्रेरणा मिली थी। मैं अगर किसी दूसरे समाज का हूं और मेरा विरोध हो रहा है तो विरोध करने वालों को पहले भगवद् गीता पढ़नी चाहिए। वह भी जीवन जीने रहस्य जान जाएं।

तीसरी बेटी पैदा होने पर सब दुखी थे, पर मुझे बहुत खुशी हुई
जब मेरी तीसरी बेटी हुई तो मैं उसे समय क्लास में बच्चों को पढ़ा रहा था। मैं वहां से सीधे अस्पताल गया, वहां घर और पास-पड़ोस के लोग मौजूद थे। उन्होंने कहा कि फिर से बेटी हुई है। मैंने कहा यह तो बहुत अच्छी बात है। क्योंकि गीता में लिखा है कि नारी के अंदर वह सात गुण होते हैं जो उन्हें पुरुषों से श्रेष्ठ बनाती है और उनमें ही परमात्मा वास करता है। इसलिए मैं बहुत खुश था। वहां मौजूद लोग आश्चर्यचकित हो गए क्योंकि उन्हें परमात्मा की इस वाणी का ज्ञान नहीं था।

देशभर में खुलना चाहिए भगवद् गीता केंद्र
मुस्लिम शिक्षक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश के हर जिले में भगवद् गीता केंद्र बनाने की मांग की है। शिक्षक को भगवद् गीता और महाभारत के श्लोक याद होने चाहिए। इसे बच्चों के सिलेबस में भी डालना चाहिए, ताकि हर बच्चा स्कूल में भगवद् गीता पढ़कर अपने जीवन के मार्ग को प्रशस्त कर सके।

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