कासगंज। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने राम मंदिर आंदोलन के कारसेवकों को अराजक तत्व बताया है। उनके इस बयान पर बवाल शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सपा सरकार ने गोलियां चलाकर अपना कर्तव्य निभाया था। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश कुमार यादव की नसीहत के बाद पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कासगंज में फिर से िववादित बयान देकर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिस समय अयोध्या में राम मंदिर पर घटना घटी थी, बिना न्यायपालिका के किसी निर्देश के, बिना किसी आदेश के अराजक तत्वों ने जो तोड़-फोड़ की थी, उस पर तत्कालिन सरकार ने संविधान की, कानून की रक्षा के लिए उस समय जो गोली चलवाई थी वह सरकार का अपना कर्तव्य था, उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया था। बता दें, साल 1990 में राम मंदिर को लेकर आंदोलन चल रहा था। उस समय मुलायम सिंह यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। अयोध्या में कर्फ्यू लगाया था, इसके बावजूद भारी संख्या में साधु-संत और कार सेवक अयोध्या पहुंचे थे। 30 अक्टूबर, 1990 को पुलिस ने कार सेवकों पर गोलियां चलाई थी, जिसमें 5 लोगों की जान चली गई थी। हालांकि मुलायम सिंह ने कारसेवकों की मौत पर अफसोस जताते हुए था कि इसके अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इससे पहले रामचरित मानस पर विवादित बयान था। इसे लेकर काफी विवाद हुआ था। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश कुमार यादव ने पार्टी के नेताओं को धर्म संबंधी बातों पर बयानबाजी न करने की नसीहत दी थी।