मध्य प्रदेश सरकार ने 16वें वित्त आयोग के सामने 249 पेजों के 6 विस्तृत प्रेजेंटेशन के जरिए अपना पक्ष रखा। सरकार ने राज्य के निकायों को सीधे वित्तीय अधिकार देने की मांग की, जिससे वे स्वतंत्र रूप से फंड का उपयोग कर सकें। साथ ही, नए सेस और सरचार्ज को लेकर भी सवाल उठे हैं।