भारत एक बार फिर साबित कर चुका है कि आतंक के खिलाफ उसकी नीति बिल्कुल साफ है – “ना सहेंगे, ना छोड़ेंगे”।
हाल ही में चले ऑपरेशन सिंदूर के बाद, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान सामने आया जिसने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) ने बुधवार को कहा कि कोई भी युद्ध के पक्ष में नहीं है और पाकिस्तान को अपनी बंदूकें बंद करने करने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति के लिए पाकिस्तान ही जिम्मेदार है क्योंकि यह स्थिति पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की हत्या से पैदा हुई है। हमने आतंकी ठिकानों को निशाना (Operation Sindoor Latest Update) बनाया और अब पाकिस्तान नागरिक ठिकानों पर गोलाबारी कर रहा है।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा –
“पाकिस्तान अपनी तबाही का खुद ज़िम्मेदार है।”
🔴 ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सर्जिकल हिट
भारतीय सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय आतंकियों के खिलाफ एक सटीक और साहसिक अभियान चलाया – जिसे नाम दिया गया “ऑपरेशन सिंदूर”।
इस ऑपरेशन में कई आतंकियों को ढेर किया गया और उनके ठिकानों को तबाह कर दिया गया।
यह ऑपरेशन उस वक़्त सामने आया जब पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें तेज हो गई थीं। भारतीय सेना ने बेहद पेशेवर अंदाज़ में जवाब दिया और यह बता दिया कि भारत की सुरक्षा व्यवस्था अब और ज़्यादा सतर्क और आक्रामक है।
💬 उमर अब्दुल्ला का बयान – कड़वा सच
उमर अब्दुल्ला ने बयान में कहा –
“पाकिस्तान हर बार आतंक को समर्थन देता है, लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ती है। अब उन्हें समझना चाहिए कि आतंक की नीति से वे सिर्फ अपनी बर्बादी का रास्ता तैयार कर रहे हैं।”
यह बयान केवल एक राजनेता की प्रतिक्रिया नहीं थी – बल्कि यह उस पीड़ा और अनुभव से निकली आवाज़ थी, जिसे जम्मू-कश्मीर के लोग सालों से झेलते आ रहे हैं।
पाकिस्तान की स्थिति – खुद की बनाई मुश्किलें
आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता, FATF की ग्रे लिस्ट और अंतरराष्ट्रीय अलगाव – पाकिस्तान की स्थिति आज इतनी नाज़ुक है कि उसे अपनी नीतियों की असलियत खुद दिखने लगी है।
आतंक को ‘रणनीतिक गहराई’ मानने वाला पाकिस्तान, आज उसी गहराई में डूबता नज़र आ रहा है।
भारत का साफ संदेश – “अब और नहीं”
भारत ने कई बार साफ किया है कि अब आतंक के खिलाफ “ज़ीरो टॉलरेंस” की नीति ही आगे बढ़ेगी।
ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों से यह संदेश बार-बार जाता है कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि सज़ा भी देगा।
निष्कर्ष: बदलते दौर की बदलती रणनीति
उमर अब्दुल्ला की यह टिप्पणी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि अब सिर्फ बयानबाज़ी से कुछ नहीं होगा – पाकिस्तान को अब वास्तव में बदलाव की दिशा में कदम उठाने होंगे।
वरना न सिर्फ उसकी छवि, बल्कि उसका भविष्य भी धुंधला होता जाएगा।
आपके विचार?
क्या आप मानते हैं कि पाकिस्तान को अपनी नीतियों में बदलाव लाना चाहिए?
क्या भारत को आतंक के खिलाफ और सख्त होना चाहिए?
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