Thursday, May 8, 2025
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“पिक्चर अभी बाकी है”: पाकिस्तान पर भारत के हमले के बाद बोले पूर्व सेना प्रमुख नरवणे – क्या और हमलों की योजना है?

हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर पर की गई मिसाइल कार्रवाई के बाद देश की सैन्य और राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस बीच, भारत के पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) एम.एम. नरवणे का एक बयान सामने आया है जिसने सबका ध्यान खींचा – “पिक्चर अभी बाकी है।”

इस बयान को लेकर यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या भारत और सैन्य स्तर पर और कार्रवाइयों की योजना बना रहा है? क्या यह संकेत है कि भारत आतंकवाद और सीमा-पार हमलों के खिलाफ अपनी नीति को और आक्रामक बना चुका है?

नरवणे का बयान: एक इशारा या चेतावनी?

जनरल नरवणे, जो 2020 से 2022 तक भारतीय थलसेना प्रमुख रहे, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं। उनके “पिक्चर अभी बाकी है” कहने को कई विशेषज्ञ एक कूटनीतिक संदेश के रूप में देख रहे हैं। यह पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी भी हो सकती है कि भारत अब ‘पहले हमला न करने’ की नीति से आगे निकलकर ‘सक्रिय प्रतिकार’ की रणनीति पर चल रहा है।

क्या और हमले हो सकते हैं?

हालांकि भारत सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है कि आगे और सैन्य कार्रवाई की जाएगी या नहीं, लेकिन कुछ संकेत स्पष्ट हैं:

  1. स्ट्रैटेजिक डिटरेंस (रणनीतिक रोकथाम): भारत यह दिखाना चाहता है कि वह अपने नागरिकों पर होने वाले हमलों को बिना जवाब के नहीं छोड़ेगा।
  2. प्री-एम्प्टिव स्ट्राइक की नीति: भारत ने पहले भी बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक के माध्यम से दिखाया है कि अब आतंकवादी ठिकानों पर कार्यवाही सीमाओं के भीतर सीमित नहीं रहेगी।
  3. पब्लिक सिग्नलिंग: ऐसे बयान कभी-कभी जनता और दुश्मन दोनों के लिए संकेत होते हैं कि भारत तैयार है और अगर उकसाया गया, तो और बड़े कदम उठा सकता है।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

भारत की ओर से हमले के बाद पाकिस्तान ने दावा किया कि उसके कुछ इलाकों पर हमले हुए और उसने जवाबी कार्रवाई में कुछ भारतीय विमानों को गिराया। पाकिस्तान की ओर से यह भी कहा गया कि अगर भारत ने फिर कोई कदम उठाया, तो वह “पूरी ताकत से” जवाब देगा।

इस बीच, पाकिस्तानी सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है। लेकिन भारत बार-बार यह दोहराता रहा है कि आतंकवाद को लेकर वह कोई समझौता नहीं करेगा।

अंतरराष्ट्रीय स्थिति

अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी कहा कि वे स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और बातचीत के ज़रिए शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।

लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि रूस-यूक्रेन और गाज़ा संघर्ष में पहले से व्यस्त अमेरिका भारत और पाकिस्तान को इस बार काफी हद तक “अपने हाल पर” छोड़ सकता है।

भारत की रणनीति: नई सैन्य सोच?

पिछले कुछ वर्षों में भारत ने “न्यूनतम प्रतिरोध” की नीति से हटकर “सक्रिय सुरक्षा नीति” को अपनाया है, जिसका मतलब है कि अगर भारत पर हमला होता है या कोई आतंकी घटना होती है, तो जवाब तुरंत और प्रत्यक्ष हो सकता है।

इस नीति में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  • सीमापार आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला
  • ड्रोन या मिसाइल के ज़रिए सर्जिकल स्ट्राइक
  • साइबर हमले
  • राजनयिक दबाव और वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करना

निष्कर्ष: पिक्चर अभी बाकी है… लेकिन कितनी?

जनरल नरवणे का यह बयान निश्चित रूप से सिर्फ एक फिल्मी डायलॉग नहीं है — यह एक रणनीतिक संकेत है। भारत अब संकेत देना चाहता है कि वह केवल जवाब नहीं देगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर पहले भी कदम उठा सकता है।

भविष्य में और कार्रवाई होगी या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि पाकिस्तान की तरफ से उकसावे की कोई नई घटना होती है या नहीं। लेकिन एक बात तय है — भारत अब ‘चुप बैठने’ वाला देश नहीं रहा।

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