9 मई 2025 को भारत सरकार ने पुष्टि की कि बहुचर्चित आतंकवादी और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के कमांडर अब्दुल रऊफ अज़हर को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर में किए गए एयरस्ट्राइक में मार गिराया गया है। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
अब्दुल रऊफ अज़हर: एक खतरनाक आतंकवादी
अब्दुल रऊफ अज़हर, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर का छोटा भाई था। वह 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के अपहरण का मास्टरमाइंड था, जिसमें विमान को काठमांडू से दिल्ली जाते समय हाईजैक कर अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था। इस घटना के परिणामस्वरूप भारत सरकार को तीन आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा, जिनमें अहमद उमर सईद शेख भी शामिल था, जिसने बाद में अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल का अपहरण और हत्या की थी।
इसके अलावा, अब्दुल रऊफ अज़हर 2001 के संसद हमले, 2016 के पठानकोट हमले और 2019 के पुलवामा हमले जैसे कई बड़े आतंकी हमलों में भी शामिल था।
🎯 ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ निर्णायक प्रहार
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। इन हमलों में बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय भी शामिल था, जहां अब्दुल रऊफ अज़हर मौजूद था। इस ऑपरेशन में लगभग 100 आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिनमें अब्दुल रऊफ अज़हर और उसके परिवार के 14 सदस्य भी शामिल थे।
वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक संदेश
अब्दुल रऊफ अज़हर को 2010 में अमेरिका के वित्त विभाग द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था। उसका ताल्लुक न केवल जैश-ए-मोहम्मद से था, बल्कि वह तालिबान, अल-कायदा और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से भी जुड़ा हुआ था। Wikipedia
उसकी मौत से न केवल भारत को न्याय मिला है, बल्कि यह वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी है कि आतंक के सरगनाओं को कहीं भी सुरक्षित पनाह नहीं मिलेगी।
निष्कर्ष
अब्दुल रऊफ अज़हर का खात्मा भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह ऑपरेशन न केवल पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए न्याय है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।