Tuesday, May 13, 2025
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अमेरिका-सऊदी अरब के बीच 142 बिलियन डॉलर की ऐतिहासिक डिफेंस डील: ट्रम्प की भूमिका और प्रभाव

अमेरिका-सऊदी अरब के बीच 142 बिलियन डॉलर की डील

अमेरिका और सऊदी अरब के बीच हाल ही में हुई 142 बिलियन डॉलर (लगभग 12.1 लाख करोड़ रुपए) की रक्षा डील ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति और वैश्विक रक्षा उद्योग में हलचल मचा दी है। व्हाइट हाउस ने इस समझौते को “इतिहास की सबसे बड़ी डिफेंस डील” करार दिया है।

डील के तहत सऊदी अरब को अमेरिका की अग्रणी कंपनियों – लॉकहीड मार्टिन, बोइंग और नॉर्थरॉप ग्रुम्मन – से C-130 ट्रांसपोर्ट विमान, एडवांस मिसाइल सिस्टम, रडार और अन्य अत्याधुनिक हथियार मिलेंगे।

डील के पांच मुख्य आयाम

इस रणनीतिक साझेदारी में अमेरिका ने सऊदी अरब को पाँच मुख्य सेक्टर्स में सहायता देने का वादा किया है:

  1. वायु और अंतरिक्ष सुरक्षा में निगरानी और ताकत बढ़ाना
  2. मिसाइल और हवाई हमलों से रक्षा प्रणाली को उन्नत करना
  3. सऊदी नौसेना को आधुनिक बनाना
  4. सीमा सुरक्षा और बॉर्डर गार्ड्स को हाई-टेक समाधान देना
  5. सूचना और संचार नेटवर्क को अपग्रेड करना

ट्रम्प की सऊदी यात्रा: संबंधों की एक नई परिभाषा

डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले आधिकारिक विदेश दौरे के लिए सऊदी अरब को चुना, जिससे एक पारंपरिक कूटनीतिक प्रोटोकॉल टूटा – पूर्व राष्ट्रपति आमतौर पर कनाडा, मैक्सिको या यूरोपीय देश की यात्रा पहले करते थे।

सऊदी अरब में ट्रम्प का गर्मजोशी से स्वागत हुआ। उन्होंने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) की खुले दिल से तारीफ करते हुए कहा – “MBS अपनी उम्र से ज्यादा होशियार हैं और हमें एक-दूसरे से गहरा जुड़ाव महसूस होता है।”

सीरिया से बैन हटाने का ऐलान

सऊदी इन्वेस्टमेंट फोरम में बोलते हुए ट्रम्प ने एक और बड़ा ऐलान किया – उन्होंने कहा कि सीरिया पर लगाए गए सभी प्रतिबंध हटाए जाएंगे, ताकि देश को फिर से खड़ा होने का मौका मिल सके।

गौरतलब है कि सीरिया में बशर अल असद के तख्तापलट के बाद HTS (तहरीर अल शाम) गुट सत्ता में आया है, जो पहले अमेरिका द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था। अब ट्रम्प इस सरकार के लिए आर्थिक अवसर खोलने की बात कर रहे हैं।

600 अरब डॉलर का निवेश और स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप

इस दौरे के दौरान ट्रम्प और क्राउन प्रिंस सलमान ने “स्ट्रैटजिक इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट” पर भी साइन किए। इसमें ऊर्जा, खनन और रक्षा जैसे क्षेत्रों में निवेश और सहयोग की बात की गई है। सऊदी अरब ने अगले चार वर्षों में अमेरिका में 600 अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की है। ट्रम्प ने इसे बढ़ाकर 1 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने की इच्छा जताई।

ट्रम्प, कुशनर और PIF की रणनीति

ट्रम्प के राष्ट्रपति रहते सऊदी अरब और अमेरिका के बीच रिश्ते काफी मजबूत हुए। पद छोड़ने के बाद भी सऊदी ने ट्रम्प के दामाद जेरेड कुशनर की फर्म में 2 अरब डॉलर का निवेश किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद बिगड़ते रिश्तों को कुशनर ने संभालने में अहम भूमिका निभाई।

अब्राहम अकॉर्ड और इजराइल-सऊदी रिश्ते

ट्रम्प की रणनीति में एक और बड़ा उद्देश्य है – इजराइल और सऊदी अरब के रिश्तों को बेहतर करना। पहले कार्यकाल में उन्होंने बहरीन, UAE, मोरक्को और सूडान को इजराइल के साथ समझौता कराने में सफलता पाई थी। अब ट्रम्प चाहते हैं कि सऊदी अरब भी अब्राहम अकॉर्ड को अपनाए।

कतर से ट्रम्प को मिलेगा दुनिया का सबसे महंगा गिफ्ट?

ट्रम्प इस हफ्ते कतर दौरे पर जाने वाले हैं, जहां उन्हें लग्जरी बोइंग 747-8 जंबो जेट गिफ्ट में मिल सकता है। इसकी कीमत लगभग 400 मिलियन डॉलर (₹3400 करोड़) है। यह गिफ्ट किसी भी राष्ट्र प्रमुख को दिया गया सबसे महंगा विमान हो सकता है।

निष्कर्ष: रणनीति, सहयोग और भविष्य की दिशा

अमेरिका और सऊदी अरब के बीच यह रक्षा और आर्थिक साझेदारी न केवल दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी, बल्कि इससे वैश्विक रणनीति, मिडिल ईस्ट में शक्ति संतुलन और वैश्विक निवेश का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

ट्रम्प की यह यात्रा सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि भविष्य के वैश्विक सत्ता समीकरणों की नींव भी हो सकती है।

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