CM करेंगे लालबाग-राजवाड़ा के नवीनीकरण का भूमिपूजन
मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक राजधानी इंदौर एक बार फिर बदलाव की दहलीज़ पर है। शहर के दिल में बसे लालबाग और राजवाड़ा, जो कभी मराठा इतिहास की गरिमा थे, अब फिर से अपनी खोई हुई पहचान पाने वाले हैं।
20 मई को मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद इन धरोहरों के नवीनीकरण का भूमिपूजन करने जा रहे हैं। यह सिर्फ इमारतों का पुनर्निर्माण नहीं है, बल्कि यह हमारी विरासत, हमारी पहचान और संस्कृति को फिर से जीवंत करने की एक ऐतिहासिक पहल है।
🔹 क्या होगा खास 20 मई को?
- मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की बैठक इंदौर में होगी।
- इसी दिन लालबाग और राजवाड़ा के नवीनीकरण कार्यों की औपचारिक शुरुआत की जाएगी।
- साथ ही, अहिल्या कचहरी को संरक्षित धरोहर का दर्जा दिया जाएगा।

CM करेंगे लालबाग-राजवाड़ा के नवीनीकरण का भूमिपूजन
लालबाग और राजवाड़ा क्यों हैं खास?
राजवाड़ा और लालबाग इंदौर की पहचान हैं।
- राजवाड़ा, होलकर राजवंश की परंपरा और स्थापत्य कला का उदाहरण है।
- लालबाग, एक समय इंदौर की शाही जिंदगी और गौरव का प्रतीक रहा है।
इन दोनों धरोहरों का नवीनीकरण केवल उनके रंग-रोगन तक सीमित नहीं होगा, बल्कि उन्हें एक सांस्कृतिक टूरिज़्म स्पॉट के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे आने वाली पीढ़ियाँ अपनी जड़ों से जुड़ सकें।
अहिल्या कचहरी को मिलेगा संरक्षित धरोहर का दर्जा
इंदौर में स्थित अहिल्या कचहरी, देवी अहिल्या बाई होलकर से जुड़ी हुई ऐतिहासिक जगहों में से एक है।
राज्य सरकार ने इसे संरक्षित धरोहर घोषित करने का फैसला लिया है। इसका मतलब यह है कि अब इस जगह का संरक्षण और रख-रखाव विशेष रूप से किया जाएगा, ताकि इसकी ऐतिहासिक महत्ता सुरक्षित रहे।
20 मई को होगी मोहन सरकार की कैबिनेट मीटिंग
जनता की उम्मीदें बढ़ीं
शहरवासियों और इतिहास प्रेमियों में इस फैसले को लेकर काफी उत्साह है।
स्थानीय लोग मानते हैं कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के नए अवसर बनेंगे, और शहर की ऐतिहासिक पहचान और मजबूत होगी।
🛑 निष्कर्ष:
राजनीति से ऊपर उठकर, यह फैसला संस्कृति, विरासत और आत्म-सम्मान से जुड़ा है।
मोहन सरकार का यह कदम न केवल इंदौर, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए प्रेरणादायी है।
अब जब राजवाड़ा और लालबाग फिर से सजेंगे, तो इंदौर एक बार फिर कहेगा—
“इतिहास हमारा गौरव है, और हमें उस पर नाज़ है!”
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