ऑपरेशन सिंदूर: जब भारत ने दिखाई अपनी ताक़त, पाकिस्तान के एयरबेस हुए ध्वस्त
भारत की सैन्य ताक़त ने दुनिया को एक बार फिर चौंका दिया। “ऑपरेशन सिंदूर” के नाम से शुरू किया गया यह ख़ुफ़िया मिशन इतना सटीक और तेज़ था कि पाकिस्तान को संभलने का मौका भी नहीं मिला। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कई एयरबेस तबाह किए थे। फोटोज में साफ देखा जा सकता है कि हमले के पहले और बाद में वहां क्या स्थिति थी।
क्या था ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय वायुसेना द्वारा चलाया गया एक सर्जिकल स्ट्राइक मिशन था, जिसका मकसद था — पाकिस्तान के आतंकवाद-समर्थक एयरबेस को पूरी तरह से निष्क्रिय करना। बीते कुछ महीनों में भारत में हुई आतंकी गतिविधियों की ज़िम्मेदारी जिन समूहों पर आई, उनके ट्रेनिंग और सपोर्ट की पुष्टि पाकिस्तान के इन एयरबेस से हो रही थी।

हमले से पहले और बाद की तस्वीरों ने खोली पोल
इस ऑपरेशन के बाद जारी हुई सैटेलाइट तस्वीरों ने साफ दिखाया कि भारत ने कितनी बारीकी से प्लानिंग की थी।
- हमले से पहले की तस्वीरों में पाकिस्तान के एयरबेस पर खड़े फाइटर जेट्स, फ्यूल टैंक्स और हथियारों की भारी मौजूदगी थी।
- जबकि हमले के बाद की तस्वीरों में वही जगहें खंडहर में तब्दील हो चुकी थीं — जले हुए जेट्स, तबाह हो चुकी बिल्डिंग्स और धुएं का गुबार।
यह सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन नहीं था, यह एक कड़ा संदेश था: भारत अपनी सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा।
कैसे हुई इतनी सटीक प्लानिंग?
भारतीय वायुसेना और ख़ुफ़िया एजेंसियों ने मिलकर इस मिशन की महीनों तक तैयारी की।
- ड्रोन सर्विलांस,
- इलेक्ट्रॉनिक इंटरसेप्शन,
- और रियल-टाइम सैटेलाइट डेटा की मदद से टारगेट्स तय किए गए।
फिर आधी रात के बाद, स्पेशल फाइटर स्क्वाड्रन ने कुछ ही मिनटों में पूरे मिशन को अंजाम दे दिया — बिना किसी नुकसान के वापस लौटते हुए।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया क्या रही?
जैसा कि पहले भी होता आया है, पाकिस्तान ने पहले तो हमले की खबरों से इनकार किया। लेकिन जब सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में तस्वीरें और वीडियो सामने आए, तो उन्हें चुप्पी साधनी पड़ी।
भारत का रुख साफ़ है
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वो आतंकवाद को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगा — और अगर ज़रूरत पड़ी, तो जवाब देने में देर नहीं करेगा। ऑपरेशन सिंदूर उसी नीति का नतीजा है।
निष्कर्ष:
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक मिलिट्री स्ट्राइक नहीं, बल्कि एक मजबूत राजनीतिक और कूटनीतिक संदेश है। भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं करता, वह पहले से तैयार रहता है — और ज़रूरत पड़ने पर कार्रवाई भी करता है। यह ऑपरेशन आने वाले समय में भारत की सुरक्षा नीति में मील का पत्थर साबित होगा।
To more updates: https://agnews.in/