Wednesday, May 14, 2025
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15 लाख से ज्यादा साइबर अटैक, 7 खतरनाक ग्रुप्स की पहचान – पहलगाम हमले के बाद साइबर युद्ध का नया मोर्चा!

AG News डेस्क | नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत-पाक तनाव को बढ़ा दिया है। लेकिन इस बार युद्ध सिर्फ सीमा तक सीमित नहीं है — डिजिटल दुनिया में भी एक साइलेंट लेकिन घातक जंग शुरू हो चुकी है।

रक्षा और साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने रिपोर्ट जारी की है कि बीते एक सप्ताह में भारत पर 15 लाख से अधिक साइबर अटैक हुए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन हमलों के पीछे पाकिस्तान के सात खतरनाक साइबर ग्रुप्स की भूमिका पाई गई है, जो पहले भी भारत को डिजिटल रूप से नुकसान पहुंचाने की साज़िशों में लिप्त रहे हैं।

विषय सूची

  1. पहलगाम हमला: एक ट्रिगर पॉइंट
  2. साइबर युद्ध की शुरुआत कैसे हुई?
  3. भारत पर 15 लाख साइबर अटैक – गंभीरता कितनी बड़ी?
  4. 7 सबसे खतरनाक पाकिस्तानी हैकिंग ग्रुप्स कौन से हैं?
  5. किन संस्थानों और वेबसाइट्स को बनाया गया निशाना?
  6. भारत की साइबर एजेंसियों की प्रतिक्रिया
  7. विशेषज्ञों की राय: क्या करें और कैसे बचें
  8. वैश्विक साइबर परिप्रेक्ष्य और भारत की स्थिति
  9. निष्कर्ष: क्या भारत तैयार है अगली डिजिटल जंग के लिए?

1. पहलगाम हमला: एक ट्रिगर पॉइंट

पहलगाम हमला, जो साइबर युद्ध का ट्रिगर पॉइंट बना

4 मई 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षाबलों ने बहादुरी से जवाब दिया। हालांकि यह हमला सिर्फ एक फिजिकल फ्रंट पर नहीं था, इसके तुरंत बाद भारत पर एक अनदेखा हमला भी शुरू हुआ — साइबर हमला।

सेना और इंटेलिजेंस एजेंसियों को पहले से इनपुट था कि इस हमले के साथ डिजिटल गतिविधियों में भी तेजी आ सकती है, और वही हुआ।

2. साइबर युद्ध की शुरुआत कैसे हुई?

पहलगाम हमले के 24 घंटे के भीतर ही देश के अलग-अलग हिस्सों से रिपोर्ट आने लगीं कि कई सरकारी और निजी संस्थानों की वेबसाइट्स स्लो हो रही हैं या अनवेलिबल हो गई हैं। इन हमलों को Distributed Denial of Service (DDoS) और Phishing Campaigns के माध्यम से अंजाम दिया गया।

3. भारत पर 15 लाख साइबर अटैक – गंभीरता कितनी बड़ी?

भारत सरकार की साइबर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) की रिपोर्ट के अनुसार:

15 लाख से ज्यादा साइबर हमले और उनके प्रभाव
  • 15 लाख से अधिक साइबर अटैक 7 दिनों में
  • प्रति मिनट औसतन 1,500 हमले
  • सबसे अधिक हमले दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु स्थित सरकारी नेटवर्क पर
  • टारगेट: रक्षा, ऊर्जा, बैंकिंग, एजुकेशन और हेल्थ

ये हमले मुख्य रूप से IP Spoofing, SQL Injections, Malware Payloads और DNS Hijacking के ज़रिए किए गए।

4. ये हैं पाकिस्तान के 7 खतरनाक साइबर ग्रुप्स

पाकिस्तानी हैकिंग ग्रुप्स की पहचान और उनकी खतरनाक गतिविधियाँ

भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने जिन ग्रुप्स को पहचाना है, वे पहले भी ग्लोबल साइबर अटैक्स में शामिल रहे हैं:

  1. APT36 (Transparent Tribe) – भारतीय सेना और डिफेंस से जुड़ी संस्थाओं को टारगेट करता है
  2. SideCopy – Social Engineering का इस्तेमाल करता है
  3. Gorgon Group – मेलवेयर से सिस्टम को हैंग करता है
  4. Earth Karkaddan – क्लाउड सिस्टम पर हमला
  5. Silent Hydra – बैंकिंग डेटा को चुराता है
  6. DarkBit – रैंसमवेयर का उपयोग करता है
  7. Lazarus Proxy Cells – नॉर्थ कोरियन ग्रुप से समर्थन

इन ग्रुप्स का मुख्य उद्देश्य डेटा चोरी, राष्ट्रीय व्यवस्था को बाधित करना और पैनिक फैलाना है।

5. किन संस्थानों और वेबसाइट्स को बनाया गया निशाना?

साइबर हमलों का शिकार बने भारत के प्रमुख संस्थान और वेबसाइट्स

हमले इतने फैले हुए थे कि इनकी लिस्ट लंबी है, लेकिन प्रमुख टारगेट ये थे:

  • Ministry of Defence & Home Affairs Websites
  • भारतीय रेलवे का रिजर्वेशन सिस्टम
  • NPCI और UPI इन्फ्रास्ट्रक्चर
  • IITs और अन्य टॉप टेक्निकल संस्थानों की वेबसाइट्स
  • AIIMS और अन्य मेडिकल डेटाबेस

6. भारत की साइबर एजेंसियों की प्रतिक्रिया

CERT-In ने एक “Cyber Emergency Alert” जारी किया जिसमें सभी सरकारी संस्थानों को 48 घंटे के अंदर अपने सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर अपडेट करने और Firewalls की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए।

साथ ही, “Cyber Defence Grid” को भी एक्टिव किया गया जो कि भारत का मल्टी-लेयर साइबर सुरक्षा सिस्टम है।

7. विशेषज्ञों की राय: क्या करें और कैसे बचें

साइबर एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अब समय आ गया है कि भारत सिर्फ डिफेंस नहीं, Offensive Cyber Strategy भी बनाए। कर्नल (रि.) अरविंद मलिक कहते हैं:

“अब साइबर युद्ध सीमाओं से भी ज़्यादा खतरनाक है, ये हमारी इकोनॉमी, हेल्थ और नेशनल सिक्योरिटी तीनों पर वार करता है।”

8. वैश्विक परिप्रेक्ष्य और भारत की स्थिति

भारत अभी दुनिया में चौथे नंबर पर सबसे ज़्यादा साइबर अटैक झेलने वाला देश बन गया है। अमेरिका, रूस और चीन के बाद अब भारत टॉप टारगेट है।

विश्व स्तर पर भी भारत की साइबर क्षमताओं को बेहतर करने की जरूरत बताई जा रही है। Israel, Estonia, और Singapore जैसे देशों से सहयोग पर काम हो रहा है।

9. निष्कर्ष: क्या भारत तैयार है अगली डिजिटल जंग के लिए?

पहलगाम हमले के बाद जो साइबर फ्रंट खुला है, वह हमें स्पष्ट रूप से बताता है कि अब लड़ाइयां सिर्फ बंदूकों से नहीं लड़ी जातीं। भारत को अपनी साइबर आर्मी, डेटा सिक्योरिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर और हैकिंग-रोधी पॉलिसीज को और मज़बूत करने की जरूरत है।

Cybersecurity Reports के लिए लिंक:
👉 CERT-In Official Website

Indian Government Digital Policies के लिए लिंक:
👉 Ministry of Electronics and Information Technology

UN Cybersecurity Index के लिए लिंक:
👉 UN Global Cybersecurity Index

World News/Reports on Cyber Attacks के लिए लिंक:
👉 BBC News – Cybersecurity

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