राजकोट। सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी के कम्प्यूटर साइंस विभाग के छात्र के सैटेलाइट इमेज प्रोसेसिंग पर शोध से मछुआरों को बड़ा फायदा होगा। सैटेलाइट इमेज से यह पता चल सकेगा कि समुद्र में सबसे ज्यादा मछलियां कहां है। पीएचडी शोधकर्ता झलक ठकरार ने सैटेलाइट इमेज प्रोसेसिंग की मदद से यह थीसिस तैयार किया है। मछुआरे मोबाइल की मदद से मछलियांे की जानकारी हासिल कर सकेंगे। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा को पार करने से पहले उन्हें मैसेज मिल जाएगा। मछुआरे अरब सागर में मछली पकड़ने के चक्कर में पाकिस्तान की सीमा में घुस जाते हैं। पाक मरीन बोट समेत मछुआरों को पकड़ लेती है। सैटेलाइट इमेज की मदद से मछुआरे पाकिस्तान की सीमा में घुसने से बच जाएंगे। कम्प्यूटर साइंस भवन के प्राध्यापक प्रो. अतुल गोसाई ने बताया कि मछुआरे समुद्र में मछली पकड़ते समय पाकिस्तान की सीमा में घुस जाते हैं। पाक मरीन उन्हें गिरफ्तार करके जेल में डाल देती है। पीएचडी शोधकर्ता झलक ठकरार ने सैटेलाइट इमेज प्रोसेसिंग की मदद से एक बाउंड्री एलर्ट डिवाइस की खोज की है। इसकी मदद से मछुआरों के समुद्री सीमा पार करने से पहले मोबाइल पर एलर्ट का मैसेज आ जाएगा। इससे मछुआरे आगे नहीं बढ़ेंगे। इसका पेटेंट भी रजिस्टर्ड हो गया है। पीएचडी के अन्य शोधकर्ता अनिल भालोडिया ने एक्स-रे इमेज प्रोसेसिंग पर काम किया है। इसकी मदद से मरीज की हड्डी में कैंसर की कितनी संभावना है, इसे जान सकते हैं। अनिल भालोडिया ने 5000 से अधिक केसों का अध्ययन किया है, इसमें से 90 प्रतिशत का सटीक निदान किया गया है।
सैटेलाइट इमेज से समुद्र में मछलियों का पता चल सकेगा, समुद्री सीमा पार करने से पहले मछुआरों के मोबाइल पर आएगा मैसेज
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