हमला और प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए पाँच ऐतिहासिक और निर्णायक फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह तय किया गया कि अब पाकिस्तान को हर स्तर पर जवाब दिया जाएगा।
1. सिंधु जल संधि स्थगित – पाकिस्तान में जल संकट की आशंका
1959 से लागू सिंधु जल समझौते को भारत ने स्थगित कर दिया है। इससे पाकिस्तान को सिंधु और उसकी सहायक नदियों से मिलने वाला पानी अब प्रभावित होगा। यह कदम पाकिस्तान की पहले से जर्जर आर्थिक और कृषि स्थिति को और कमजोर कर सकता है।
2. अटारी चेक पोस्ट बंद – दोनों देशों के बीच आवाजाही पर रोक
भारत ने पाकिस्तान के साथ लगने वाली अटारी सीमा को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच आवाजाही लगभग बंद हो जाएगी और व्यापारिक लेन-देन पर भी असर पड़ेगा।
3. वीजा सेवाएं रद्द – आतंकी घुसपैठ पर नकेल
भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों को दी जा रही वीजा सेवाएं फिलहाल के लिए पूरी तरह से बंद कर दी हैं। इससे आतंकवादियों और संदिग्धों के भारत में प्रवेश की संभावना भी समाप्त हो जाएगी।
4. पाकिस्तान से डिफेंस एडवाइजर्स हटाए गए
भारत सरकार ने इस फैसले के तहत पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग से सभी डिफेंस एडवाइजर्स को वापस बुला लिया है। यह फैसला दोनों देशों के बीच रक्षा मामलों में भरोसे के खत्म होने का संकेत है।
5. भारत ने अपने डिफेंस एडवाइजर्स को भी वापस बुलाया
पाकिस्तान में तैनात भारतीय रक्षा सलाहकारों को भी भारत वापस बुला लिया गया है। यह एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अब कूटनीतिक नरमी नहीं, बल्कि स्पष्ट और कड़ा रुख अपनाएगा।
निष्कर्ष:
पहलगाम हमले ने न केवल भारत को झकझोरा, बल्कि सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने को मजबूर कर दिया। इन पांच फैसलों से भारत ने यह जता दिया है कि आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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