सीएम मोहन यादव ने किया आह्वान – “हर घर सुरक्षित, हर जीवन मलेरिया मुक्त”
AG News | 25 अप्रैल 2025 | भोपाल
हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है, और यह दिन हमें याद दिलाता है कि मलेरिया सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि एक वैश्विक चुनौती है। “मच्छर छोटा है, लेकिन खतरा बड़ा” – इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इस मौके पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों से अपील की कि हम सभी मलेरिया के प्रति सतर्क रहें, और इसे जड़ से खत्म करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने कहा –
“मलेरिया से बचाव ही सबसे बड़ा इलाज है। चलिए, मलेरिया मुक्त भारत की ओर मिलकर कदम बढ़ाएं।”
क्यों मनाते हैं विश्व मलेरिया दिवस?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2007 में विश्व मलेरिया दिवस की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य है मलेरिया के खात्मे के प्रयासों को वैश्विक मंच पर लाना और लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैलाना।
मलेरिया कैसे फैलता है?
मलेरिया एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है, जो प्लास्मोडियम परजीवी को शरीर में पहुंचाता है।
इसके मुख्य लक्षण हैं:
- बुखार और ठंड लगना
- सिरदर्द और बदन दर्द
- अत्यधिक थकान
- कभी-कभी उल्टी और दस्त
जानिए इसके गंभीर असर
मलेरिया सिर्फ एक स्वास्थ्य समस्या नहीं, बल्कि ये आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक विकास को भी प्रभावित करता है।
- गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक प्रभाव
- काम करने की क्षमता में गिरावट
- बच्चों की पढ़ाई में रुकावट
- WHO और विश्व बैंक की रिपोर्ट बताती है कि मलेरिया-प्रभावित देशों की GDP पर भी इसका असर पड़ता है
कैसे करें बचाव?
“बचाव ही इलाज है” – यही मलेरिया के खिलाफ सबसे कारगर हथियार है।
- रात को मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें
- मॉस्किटो क्रीम और रिपेलेंट का प्रयोग करें
- फुल आस्तीन के कपड़े पहनें
- लक्षण दिखते ही तुरंत जांच कराएं और डॉक्टर से इलाज लें
AG News की अपील:
आज जब दुनिया टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ रही है, तो हमें ऐसी बीमारियों से पीछे नहीं हटना चाहिए। मलेरिया के खिलाफ यह जंग सबकी है। आप जागरूक होंगे, तभी देश सुरक्षित होगा।
“हर मच्छर पर वार, जागरूकता हो हथियार”
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