Sunday, May 4, 2025
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दिखने में आम कश्मीरी, लेकिन आतंकियों के मददगार ओवरग्राउंड वर्कर: महिलाएं-बच्चे भी शामिल, ये हैं आतंकियों के आंख-कान

AG News डेस्क | श्रीनगर — कश्मीर घाटी में आतंकवाद की कमर टूटने के बावजूद एक बड़ा खतरा अब भी बना हुआ है — ओवरग्राउंड वर्कर्स यानी OGWs। ये वो लोग हैं जो आतंकियों की मदद करते हैं, लेकिन खुद हथियार नहीं उठाते। देखने में आम नागरिक जैसे लगते हैं, लेकिन इनकी भूमिका बेहद खतरनाक होती है। खास बात यह है कि अब महिलाएं और नाबालिग भी बड़ी संख्या में इस नेटवर्क में शामिल हो चुके हैं।

🕵️‍♂️ OGW: कौन होते हैं ये लोग?

OGWs यानी Overground Workers ऐसे स्थानीय लोग होते हैं जो आतंकियों को पनाह, रसद, हथियार पहुंचाने, मूवमेंट की जानकारी देने और हमले की रणनीति बनाने में मदद करते हैं। ये आमतौर पर गांवों, कस्बों में रहते हैं और दिखने में एकदम आम नागरिक होते हैं, जिससे इन्हें पहचानना मुश्किल होता है।

👩‍👧 महिलाएं और बच्चे भी शामिल

हालिया खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब आतंकियों के नेटवर्क में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हो रहे हैं। महिलाएं अक्सर सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर नजर रखती हैं और OGW की तरह जानकारी आतंकियों तक पहुंचाती हैं। वहीं कई बार नाबालिग बच्चों को संदेशवाहक या ‘कूरियर’ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

🔍 कैसे काम करता है OGW नेटवर्क?

  1. सूचना नेटवर्क: OGW इलाके में सुरक्षाबलों की मूवमेंट और ऑपरेशन की जानकारी आतंकियों तक पहुंचाते हैं।
  2. लॉजिस्टिक्स सपोर्ट: आतंकियों को खाना, कपड़े, मोबाइल फोन और शरण देते हैं।
  3. संचार माध्यम: OGW सोशल मीडिया, मैसेजिंग ऐप्स के जरिए आतंकियों से संपर्क में रहते हैं।
  4. सामाजिक आड़: स्कूल, दुकान, NGO या धार्मिक आयोजनों के बहाने OGW गतिविधियों को छिपाते हैं।

📉 क्यों हैं ये इतने खतरनाक?

  • OGW को पहचानना मुश्किल होता है क्योंकि ये हथियार नहीं उठाते
  • ये आम नागरिक के रूप में सुरक्षा घेरे में घुसपैठ कर सकते हैं
  • ये स्थानीय समाज में मौजूद रहते हैं, जिससे पुलिस या सेना को सीधे कार्रवाई में कठिनाई होती है

🔐 सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती

OGW नेटवर्क को तोड़ना सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।

  • एनआईए और जम्मू-कश्मीर पुलिस लगातार OGW की पहचान कर रही हैं
  • कई OGW की गिरफ्तारी के बाद आतंकी मॉड्यूल का खुलासा हुआ है
  • सुरक्षा बल अब तकनीकी निगरानी और स्थानीय सहयोग से OGW नेटवर्क पर फोकस कर रहे हैं

📢 सरकार की सख्ती

  • केंद्र सरकार ने UAPA कानून के तहत OGW की संपत्ति जब्त करने और उन्हें आतंकवादी घोषित करने की प्रक्रिया तेज की है
  • जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने ऐसे कई संदिग्ध कर्मचारियों को नौकरी से हटाया है जो OGW से जुड़े पाए गए

🛡️ भविष्य की रणनीति

OGW नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियां तीन-स्तरीय रणनीति पर काम कर रही हैं:

  1. तकनीकी निगरानी
  2. स्थानीय खुफिया तंत्र मजबूत करना
  3. जनजागरूकता अभियान ताकि लोग OGW की गतिविधियों को पहचान सकें और रिपोर्ट करें
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