भोपाल में ब्रेक फेल बस ने मचाया कहर: लेडी डॉक्टर की मौत, 8 गाड़ियां क्षतिग्रस्त, 6 घायल
मामले की पूरी जानकारी:
भोपाल शहर में रविवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ जब सिग्नल पर खड़ी बस के ब्रेक फेल हो गए। बस बेकाबू होकर 8 गाड़ियों को कुचलते हुए आगे बढ़ी और एक महिला डॉक्टर को कुचल दिया, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे में 6 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बार फिर रफ्तार का कहर टूटा है. हुआ यूं कि बाणगंगा चौराहे पर एक तेज रफ्तार अनियंत्रित स्कूल बस ने आधा दर्जन वाहनों में टक्कर मार दी. हादसे में एक युवा नर्सिंग स्टॉफ आयशा खान की मौत हो गई है जबकि 5-6 लोग गंभीर रुप से घायल हुए हैं.आयशा की इसी महीने 14 तारीख को शादी होने वाली थी. CCTV फुटेज में बस को अनियंत्रित होकर लोगों को कुचलते देखा जा सकता है. शुरुआती जांच में हादसे की वजह ब्रेक फेल होना बताया जा रहा है. हालांकि हादस के तुरंत बाद बस का ड्राइवर मौके से फरार हो गया है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. बस रोशनपुरा चौराहे से पॉलीटेक्निक की तरफ जा रही थी.
50 फीट तक घसीटती चली गई युवती
CCTV फुटेज में देखा जा सकता है कि रेड सिग्नल पर खड़ी गाड़ियों के पीछे से तेज रफ्तार स्कूल बस आ रही है. सबसे पहले बस ने एक कार को टक्कर मारी. इसके बाद कोई कुछ समझ पाता इससे पहले ही बस ने सिग्नल पर खडी 4-5 बाइक और स्कूटी को पीछे से टक्कर मारी. इसी दौरान एक स्कूटी सवार युवती बस के आगे फंस गई और कुछ दूर तक घसीटती चली गई. वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि युवती स्कूटी समेत उछल गई और बस के अगले हिस्से में फंस गई. वो लगभग 50 फीट तक घसीटती चली गई. मौके पर मौजूद कुछ लोगों का कहना है कि बस ड्राइवर चिला रहा था- हटो-हटो लेकिन कोई कुछ समझ पाता इससे पहले ही हादसा हो गई. हादसे के तुरंत बाद बस ड्राइवर बस छोड़कर फरार हो गया.
मरने वाली महिला डॉक्टर की पहचान:
पीड़ित महिला की पहचान डॉ. नीलम मिश्रा के रूप में हुई है, जो एक प्रतिष्ठित हॉस्पिटल में कार्यरत थीं। वह रोज़ की तरह अपनी स्कूटी से हॉस्पिटल जा रही थीं, जब ये हादसा हुआ।
हादसे के मुख्य कारण क्या रहे?
1. ब्रेक फेल होना:
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि बस के ब्रेक पूरी तरह फेल हो चुके थे। ड्राइवर ने ब्रेक लगाने की कोशिश की, लेकिन वाहन नहीं रुका।
2. बस की फिटनेस और इंश्योरेंस एक्सपायर:
सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि बस का फिटनेस सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस दोनों ही मियाद पार हो चुके थे। ऐसे में यह साफ है कि बस अनफिट स्थिति में सड़कों पर दौड़ रही थी।
कानूनी कार्रवाई और प्रशासन का रुख:
घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और ड्राइवर को हिरासत में ले लिया गया। परिवहन विभाग से रिपोर्ट तलब की गई है। साथ ही यह सवाल उठ रहा है कि फिटनेस और इंश्योरेंस एक्सपायर होने के बावजूद बस सड़क पर कैसे चल रही थी?
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश:
- ट्रैफिक और आरटीओ विभाग को इस मामले में लापरवाही बरतने पर नोटिस भेजे जा सकते हैं।
- संबंधित बस कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया जा चुका है।
इस हादसे से क्या सबक लिया जा सकता है?
- वाहन की फिटनेस की नियमित जांच जरूरी है।
- इंश्योरेंस और दस्तावेजों की वैधता समय-समय पर चेक करना ज़रूरी है।
- सार्वजनिक वाहनों की निगरानी और रूटीन मेंटेनेंस अनिवार्य किया जाए।
- कानून व्यवस्था और ट्रैफिक विभाग की जवाबदेही तय हो।
सोशल मीडिया पर गुस्सा:
इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने गुस्सा जाहिर किया है। “अगर प्रशासन समय पर वाहन की जांच करता, तो ये दर्दनाक हादसा टल सकता था” – ऐसा कई नागरिकों का कहना है।
निष्कर्ष:
भोपाल की इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर से ट्रैफिक व्यवस्था और वाहन निरीक्षण प्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। एक जिंदादिल डॉक्टर की जान चली गई, जो बचाई जा सकती थी। अब समय है कि प्रशासन इस पर गंभीर कदम उठाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो।
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