Saturday, April 19, 2025
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द्वारका में 37 हजार अहिरानियों ने पारंपरिक पोशाक पहनकर महारास किया, अहीर समाज के 2 लाख से अधिक लोग देखने आए

द्वारका। भगवान श्रीकृष्ण की कर्मभूमि द्वारका में एक बार फिर इतिहास रचा गया है। अहीर समाज के दो लाख से अधिक लोगों की मौजूदगी में 37 हजार अहिरानियों ने महारास खेला। इस अवसर पर जगत मंदिर, रुक्मणी मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया था। सांसद पूनम माडम भी अहिरानी के महारास में शामिल हुई। समस्त अखिल भारतीय अहिरानी महारास संगठन की ओर से इसका आयोजन किया गया था। यहां के एसीसी ग्राउंड में अहिरानियों ने पारंपरिक पोशाक में महारास खेला। इस दौरान एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। प्रदेश के 24 जिलों से करीबन 37 हजार अहिरानी इस कार्यक्रम में शामिल हुईं। इसके अलावा अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, दुबई में बसी अहिरानियां भी महारास में रास खेलने आई।
पौराणिक ग्रंथों मंे उल्लेख है कि भगवान श्रीकृष्ण की पुत्रवधू, वाणासुर की पुत्री और पुत्र अनिरद्ध की पत्नी उषा ने रास खेला था। उन्हीं की याद में द्वारका में यह उत्सव मनाया जाता है। द्वारका नगरी में स्थित नंदधाम परिसर में महारास खेला गया। महारास में शामिल होने के लिए अहिरानियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था। युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराने के लिए इसका आयोजन किया गया था। कार्यक्रम का सबसे पहला निमंत्रण-पत्र भगवान श्रीकृष्ण को दिया गया था। सुबह 5:00 बजे ब्रह्ममुहूर्त में अहिरानी महारास खेलने रूक्मणी मंदिर के पीछे विशाल मैदान में इकट्‌ठा हो गई थी।

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