सूरत। देश की सुरक्षा को खतरे में डालते हुए सिम बॉक्स की मदद से डॉट गाइडलाइन की अनदेखी करते हुए इंटरनेशनल कॉल को लोकल कॉल में तब्दील करके भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले बुकी अब पैरेलल टेलिफोन एक्सचेंज खड़ा कर रहे हैं। गुजरात एटीएस और सूरत क्राइम ब्रांच ने महिधरपुरा में चल रहे नकली टेलिफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया है। गुजरात एटीएस और सूरत क्राइम ब्रांच ने जॉइंट ऑपरेशन करके सिम बॉक्स और 31 सिम कार्ड के साथ दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गुजरात एटीएस के सह पुलिस अधीक्षक को खुफिया जानकारी मिली थी कि महिधरपुरा में नकली टेलिफोन एक्सचेंज बनाया गया है। जिसमें डिपार्टमेंट ऑफ टेलीक्युनिकेशन की गाइडलाइन की अनदेखी करके इंटरनेशनल कॉल को लोकल कॉल में तब्दील करके कॉलर की पहचान छिपाकर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ हो रहा है। इससे टेलीकॉम कंपनी को आर्थिक नुकसान हो रहा है। गुजरात एटीएस की एक टीम सूरत आई और क्राइम ब्रांच की मदद से जॉइंट ऑपरेशन की योजना बनाई। इसके बाद पुलिस ने महिधरपुरा भवानी वाड के पास कलजुग मोहल्ला, बिल्डिंग नंबर 5/1230 भवानी विला की तीसरी मंजिल पर दबिश दी। पुलिस ने वहां मौजूद सौरभ चिन्मय सरकार (30 वर्ष) और प्रेम उर्फ बोली बिपिन चंद्र टोपीवाला(31) को गिरफ्तार किया। पुलिस ने दोनों की तलाशी लेकर 28 सिम कार्ड लगे सिम बॉक्स, फायरवॉल और अन्य सामग्री समेत 2लाख, 48 हजार रूपए का सामान जब्त किया। इससे नकली टेलीफोन एक्सचेंज चलाया जा रहा था। इस बारे में सूरत क्राइम ब्रांच में केस दर्ज किया गया है।
सॉफ्टवेयर डेवलप करके दुबई से नकली टेलिफोन एक्सचेंज चलाने की योजना बनाई
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला कि मुख्य आरोपी जिगर दीपक टोपीवाला दुबई में रहता है। वह दुबई से संपर्क करके पूरे नेटवर्क को चला रहा था। जिगर ने इन दोनों के साथ मिलकर इसकी योजना बनाई और भवानी विला में ब्रॉडबैंड इंटरनेट कंपनी के नीचे तीसरी मंजिल पर दुबई की अलग-अलग कंपनियों तथा गेमिंग के लिए गैरकानूनी तरीके से भारत में इंटरनेशनल कॉल करने वाले कॉलिंग सॉफ्टवेयर को डेवलप करके सीपीयू और सिम बॉक्स पार्सल में भेजता था।
सिम बॉक्स को एक्टिव करने के लिए तकनीशियन भेजा था
सिम बॉक्स एक्टिव करने के लिए वोईटेक कंपनी के तकनीशियन को भेजा था। इसके बाद अन्य पार्टियों के नाम के मोबाइल सिम कार्ड एक्टिव करके उसे इंटरनेट कनेक्शन देकर सिस्टम चालू करने के बाद दुबई से आने वाले इंटरनेशनल कॉल को लोकल कॉल में तब्दील करता था। इस प्रकार कॉलर की पहचान छिपाकर गैरकानूनी तरीके से टेलिफोन एक्सचेंज खड़ा कर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहा था।
नकली टेलिफोन एक्सचेंज से टेलिकॉम कंपनी को ऐसे हो रहा था नुकसान
टेलिकॉम कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के सबूत क्राइम ब्रांच और गुजरात एटीएस के हाथ लगे हैं। गैरकानूनी सिम बॉक्स के उपयोग से इंटरनेट द्वारा किए जा रहे वीओआईपी कॉल को गलत तरीके से जीएसएम के सादे कॉल में परिवर्तित किया जाता था। इसके अलावा सिम बॉक्स में लगे नंबर कॉल करने वाले को डिस्प्ले होने से कॉल रिसीव करने वाले तथा टेलिकॉम कंपनी को पता नहीं चलता था कि यह असल में इंटरनेशनल कॉल है। इससे टेलिकॉम कंपनी को भारी नुकसान होता था। कंपनी चार्ज नहीं वसूल कर सकती थी।
गुजरात एटीएस और क्राइम ब्रांच ने मौके से 2.48 लाख का सामान जब्त किया
इंडियन टेलीग्राफ एक्ट के तहत इस प्रकार टेलिफोन एक्सचेंज चलाना गैरकानूनी है। इस प्रकार के टेलिफोन एक्सचेंज से देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा था, साथ ही देश की सुरक्षा को भी खतरा था। गुजरात एटीएस और क्राइम ब्रांच की टीम ने दो आरोपियों को पकड़ कर सिम बॉक्स, अलग-अलग 31 सिम कार्ड, फायरवॉल, सीपीयू, डेस्कटॉप, स्विच, 2 लैपटॉप तथा लैन केबल समेत 2लाख, 48 हजार रूपए का सामान बरामद किया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपी
- सौरभ चिन्मय सरकार: पश्चिम बंगाल के वेस्ट मिदनापुर का मूल निवासी, वर्तमान में सूरत के महिधरपुरा में स्थित भवानी विला बिल्डिंग में रह रहा था।
- प्रेम उर्फ बोनी बिपिन चंद्र टोपीवाला: सूरत शहर के अडाजन में रहता है।
वांटेड आरोपी
- जिगर दीपक टोपीवाला: दुबई में रहता है। वहीं से पूरा नेटवर्क चला रहा था।
- अनूप: वोईटेक कंपनी का तकनीशियन, इसके साथ अन्य दो और युवक।