नवसारी। गणदेवी तहसील के बिलीमोरा में एक पुश्तैनी मकान का मलबा हटाते समय मजदूरों को 92 लाख के सोने के सिक्के मिले थे। वाकया दो महीने पहले का बताया जाता है। नवसारी एलसीबी की टीम ने मध्य प्रदेश से एक नाबालिग समेत 4 मजदूरों को गिरफ्तार करके 8 दिन की रिमांड पर लिया था। मकान से मिले सिक्के ब्रिटिशकाल के बताए जाते हैं। सिक्कों पर जार्ज पंचम की छवि बनी है और प्रत्येक सिक्के का वजन 8 ग्राम है। पुश्तैनी मकान एनआरआई हवाबेन बलिया का है। बलिया हाल में यूनाइटेड किंगडम के लीएस्टर में रहते हैं।
ये है मामला: मजदूरों को 240 सिक्के मिले थे, इसमें से 199 बरामद हुए, 41 सिक्के अभी भी पुलिस के हाथ नहीं लगे
बिलीमोरा के बंदररोड पर जुम्मा मस्जिद के सामने पुश्तैनी मकान को तोड़ने को कॉन्ट्रैक्ट वलसाड के ठेकेदार सरफराज हाजी कोटड़िया(44) को दिया गया था। मकान का मलबा हटाते समय कीमती सामान मिलने पर उसे मकान मालिक को सौंपने की शर्त रखी गई थी। मध्य प्रदेश के अलीराजपुरा चार मजदूर मकान तोड़कर मलबा हटा रहे थे, तभी पुराने जमाने के सोने के सिक्के मिले थे। मजदूर कामकाज बंद करके अपने गांव मध्य प्रदेश चले गए थे। मजदूर सोने के सिक्के को आपस में बांटकर मौज-मस्ती से रहने लगे। इसी बीच एक मजदूर ने शराब के नशे में गुजरात में सोने के सिक्के मिलने की बात अपने दोस्तों को बताई। इसकी भनक मध्य प्रदेश पुलिस को लग गई। पुलिस ने जांच शुरू की तो मजदूरों के पास से सोने के कई सिक्के मिले। पुलिस ने मजदूरों को मौके पर लाकर जांच-पड़ताल शुरू की। घर में सोना निकलने की जानकारी मिलते ही मकान मालिक ने कॉन्ट्रेक्टर सरफराज कोटडिया के खिलाफ 21 अक्टूबर 2023 को थाने में ठगी, धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। मामले की जांच नवसारी एलसीबी को सौंपी गई। एलसीबी की टीम मध्य प्रदेश जाकर मजदूरों से पूछताछ शुरू की। रमकू बंशी भयडिया ने सोने के 24 सिक्के(कीमत 11 लाख रूपए) पुलिस को सौंप दिए। दूसरे मजदूर राजू उर्फ राजला गंती भयडिया और उसकी पत्नी बंजारी के पास से सोने के 175 सिक्के(कीमत 81 लाख रूपए) मिले। पुलिस ने एक नाबालिग समेत 4 मजदूरों को गिरफ्तार कर सोने के 199 सिक्कों को बरामद किया है। इसकी कुल कीमत 92.25 लाख रूपए आंकी गई है। पुलिस ने मजदूरों को कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की। कोर्ट ने 26 दिसंबर से 3 जनवरी, 2024 तक रिमांड मंजूर किया है। बता दें, मजदूरों को मलबा हटाते समय सोने के 240 सिक्के मिले थे। इसमें से 199 सिक्के बरामद हो चुके हैं, जबकि 41 सिक्के की खोज अभी बाकी है। सिक्के अभी अदालत के पास हैं। अदालत के फैसले के बाद उन्हें राज्य सरकार को मूल मालिक को सौंपा जाएगा। अब अदालत तय करेगा यह सरकारी संपत्ति है या निजी।