भोपाल | 22 अप्रैल 2025:
मध्य प्रदेश सरकार ने आगामी मई माह को ‘तबादला माह’ घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रशासनिक और शासकीय विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादलों के लिए 1 मई से 30 मई 2025 तक का समय तय करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए एक नई तबादला नीति भी तैयार की जा रही है, जिसे अगली कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने दिए स्पष्ट निर्देश
मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, डॉ. यादव ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि तबादलों से जुड़ी कार्ययोजना को पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर तैयार किया जाए। इस नीति का उद्देश्य राजनीतिक दखल को कम करना और प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक प्रभावशाली बनाना है।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा:
“तबादलों की प्रक्रिया पारदर्शी, तर्कसंगत और जनहितैषी होनी चाहिए। किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता या अनावश्यक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
नई तबादला नीति की प्रमुख बातें (संभावित)
तबादले केवल निर्धारित समयावधि (1–30 मई) में ही किए जाएंगे।
किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला राजनीतिक सिफारिशों के आधार पर नहीं होगा।
सभी तबादलों को ई-गवर्नेंस पोर्टल के माध्यम से ट्रैक और मॉनिटर किया जाएगा।
शिक्षकों, राजस्व कर्मचारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले प्राथमिकता में रहेंगे।
पारिवारिक, स्वास्थ्य और विशेष कारणों के लिए अपवाद स्वरूप अनुमतियाँ दी जाएंगी।
अगली कैबिनेट बैठक में होगी पेशकश

मुख्यमंत्री सचिवालय के अनुसार, प्रस्तावित तबादला नीति को अंतिम रूप देकर इसे आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। इसे मंजूरी मिलने के बाद सभी विभागों को निर्देश भेज दिए जाएंगे और प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
तबादलों का संभावित असर
प्रशासनिक सुचारुता: स्थानांतरण से उन स्थानों पर सेवाएं बेहतर होंगी जहाँ लंबे समय से अधिकारी कार्यरत हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र: इन दोनों विभागों में स्थानांतरण की प्रक्रिया से ग्रामीण क्षेत्रों को प्रशिक्षित कर्मियों का लाभ मिलेगा।

राजनीतिक हस्तक्षेप में कमी: पारदर्शी नीति से मनमाने स्थानांतरण पर लगाम लगेगी।
जनता के लिए सूचना तंत्र
सरकार तबादलों से संबंधित सभी अपडेट्स और आदेश mp.gov.in पर जारी करेगी। साथ ही आमजन शिकायतों के लिए हेल्पलाइन और ईमेल सुविधा का भी लाभ ले सकेंगे।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश में मई माह के दौरान प्रशासनिक हलचल तेज रहने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री द्वारा पेश की गई यह पहल यदि पारदर्शिता के साथ लागू होती है, तो यह न केवल शासन व्यवस्था में सुधार लाएगी बल्कि लोगों के भरोसे को भी मजबूत करेगी।