Monday, May 19, 2025
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PVR INOX का शानदार ऑफर ‘ब्लॉकबस्टर ट्यूजडे’ – ₹99 से ₹149 में फिल्मों का आनंद

भारत में सिनेमा का अनुभव हमेशा ही खास रहा है। फिल्म प्रेमियों के लिए PVR और INOX जैसी बड़े सिनेमा चेन द्वारा शुरू किए गए ऑफर बेहद आकर्षक हो सकते हैं। अब PVR INOX ने एक ऐसा शानदार ऑफर शुरू किया है, जिसका नाम है ‘ब्लॉकबस्टर ट्यूजडे’। इस ऑफर के तहत हर मंगलवार को सभी फिल्मों की टिकटें केवल ₹99 से ₹149 के बीच मिलेंगी। यह ऑफर 8 अप्रैल से पूरे देश के 300 से ज्यादा सिनेमाघरों में लागू हो गया है। इस ब्लॉग में हम इस ऑफर के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि यह ऑफर फिल्म प्रेमियों के लिए कितना आकर्षक है।

‘ब्लॉकबस्टर ट्यूजडे’ ऑफर क्या है?

‘ब्लॉकबस्टर ट्यूजडे’ एक विशेष ऑफर है, जिसमें PVR INOX सिनेमाघरों में हर मंगलवार को सभी फिल्मों की टिकटों पर भारी छूट दी जा रही है। इस ऑफर के तहत, आप ₹99 से ₹149 के बीच की कीमत में अपनी पसंदीदा फिल्म का आनंद ले सकते हैं। खास बात यह है कि यह छूट न केवल सामान्य फिल्मों पर उपलब्ध है, बल्कि IMAX, 3D, 4DX और ScreenX जैसी प्रीमियम फॉर्मेट वाली फिल्मों पर भी यह ऑफर लागू होगा।

इस ऑफर की शुरुआत 8 अप्रैल 2025 से हो गई है और यह देशभर के 300 से ज्यादा सिनेमाघरों में लागू है। मतलब यह कि अब आप अपनी पसंदीदा फिल्म का अनुभव बेहद सस्ते दरों पर ले सकते हैं और सिनेमा हॉल की विशाल स्क्रीन पर फिल्में देख सकते हैं।

खास बात यह है कि IMAX, 3D, 4DX और ScreenX जैसी प्रीमियम फॉर्मेट वाली फिल्मों पर भी मिलेगा ऑफर

PVR INOX का यह ऑफर सिर्फ सामान्य फिल्म टिकटों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें IMAX, 3D, 4DX, और ScreenX जैसी प्रीमियम फिल्म फॉर्मेट भी शामिल हैं। यानी अब आप उन प्रीमियम फिल्म फॉर्मेट्स में भी बेहद सस्ते में फिल्म देख सकते हैं, जो सामान्यत: महंगे होते हैं। IMAX और 3D फिल्मों का अनुभव आमतौर पर बहुत ही शानदार होता है और 4DX फॉर्मेट में फिल्में देखने का अपना ही मजा है। ऐसे में यह ऑफर फिल्म प्रेमियों के लिए और भी रोमांचक हो जाता है।

PVR INOX के फूड आइटम्स पर भी स्पेशल ऑफर

फिल्म देखने का अनुभव तब और भी खास हो जाता है जब साथ में स्वादिष्ट स्नैक्स और फूड आइटम्स का आनंद लिया जाए। PVR INOX ने इस ऑफर के साथ अपने फूड और ड्रिंक्स पर भी स्पेशल ऑफर शुरू किया है। अब आप अपनी फिल्म देखने के दौरान पॉपकॉर्न, कोल्ड ड्रिंक, सैंडविच, और अन्य स्नैक्स पर छूट का लाभ उठा सकते हैं। इससे आपको एक बेहतरीन सिनेमा अनुभव मिलेगा, क्योंकि फिल्म के साथ अच्छे फूड आइटम्स का आनंद फिल्म देखने के मजे को दोगुना कर देता है।

टिकट की बुकिंग कैसे करें?

PVR INOX के इस बेहतरीन ऑफर का लाभ उठाने के लिए टिकट की बुकिंग करना बहुत ही आसान है। आप PVR और INOX की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप से अपनी पसंदीदा फिल्म की टिकट बुक कर सकते हैं। वेबसाइट या ऐप पर जाकर आपको फिल्म का नाम, शो टाइम, और सिनेमा का चयन करना होगा, और फिर आप आसानी से टिकट बुक कर सकते हैं।

इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित कर लें कि आप ‘ब्लॉकबस्टर ट्यूजडे’ के ऑफर के तहत टिकट बुक कर रहे हैं, क्योंकि यह ऑफर केवल मंगलवार को ही लागू होगा। अगर आप इस ऑफर का लाभ उठाना चाहते हैं, तो अपनी टिकट बुकिंग से पहले ऑफर की शर्तों को ध्यान से पढ़ें। साथ ही, ध्यान रखें कि साउथ इंडिया में टिकट रेट्स थोड़े अलग हो सकते हैं, इसलिए वहां की कीमतों के बारे में सही जानकारी प्राप्त करें।

ऑफर के लाभ

  1. सस्ता सिनेमा अनुभव:
    ‘ब्लॉकबस्टर ट्यूजडे’ के तहत टिकट की कीमत केवल ₹99 से ₹149 के बीच है। इस कीमत में प्रीमियम फॉर्मेट वाली फिल्मों का भी आनंद लिया जा सकता है। यह ऑफर फिल्म प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन अवसर है, क्योंकि यह उन्हें सस्ते दामों में शानदार सिनेमाई अनुभव प्रदान करता है।
  2. प्रोमोशन ऑफ प्रीमियम फॉर्मेट्स:
    IMAX, 3D, 4DX, और ScreenX जैसी प्रीमियम फॉर्मेट वाली फिल्मों पर छूट मिलना एक बड़ी बात है। इस ऑफर से फिल्म प्रेमी इन विशेष फॉर्मेट्स में फिल्मों का आनंद ले सकते हैं, जो सामान्य रूप से महंगे होते हैं। यह उन लोगों के लिए एक बेहतरीन मौका है, जो खास सिनेमाई अनुभव के लिए हमेशा इन फॉर्मेट्स का चयन करते हैं।
  3. फूड और ड्रिंक्स पर छूट:
    फिल्म देखने के साथ स्वादिष्ट फूड आइटम्स का सेवन करना और भी मजेदार हो जाता है। PVR INOX का यह ऑफर आपको अपने पसंदीदा फूड आइटम्स पर भी डिस्काउंट का लाभ देता है, जिससे आपका सिनेमा अनुभव और भी खास बन जाता है।
  4. आसान बुकिंग प्रक्रिया:
    आप अपनी टिकट्स की बुकिंग PVR और INOX की वेबसाइट या ऐप से आसानी से कर सकते हैं। यह प्रक्रिया सरल और सीधी है, जिससे आपको किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

साउथ इंडिया में टिकट रेट्स

यह ध्यान देने वाली बात है कि साउथ इंडिया में टिकट के रेट्स थोड़ा अलग हो सकते हैं। PVR INOX की सिनेमाघरों में दक्षिण भारत के शहरों में टिकट की कीमतें राज्य सरकार की नीतियों के आधार पर निर्धारित होती हैं, और इनकी कीमतें उत्तर भारत के मुकाबले अलग हो सकती हैं। इसलिए, अगर आप साउथ इंडिया में रहते हैं, तो पहले अपने नजदीकी सिनेमाघर की वेबसाइट या ऐप पर जाकर टिकट की कीमतों की पुष्टि कर लें।

निष्कर्ष

PVR INOX का ‘ब्लॉकबस्टर ट्यूजडे’ ऑफर भारतीय फिल्म प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन अवसर है, क्योंकि यह उन्हें सस्ते दामों में प्रीमियम सिनेमाई अनुभव प्रदान करता है। हर मंगलवार को ₹99 से ₹149 के बीच की कीमत में फिल्में देखना वाकई एक आकर्षक ऑफर है। इसके साथ ही, PVR INOX के फूड आइटम्स पर भी स्पेशल ऑफर के कारण यह अनुभव और भी रोमांचक हो जाता है। तो अगर आप फिल्म प्रेमी हैं और सिनेमा हॉल में बेहतरीन फिल्म देखने का मन बना रहे हैं, तो PVR INOX का ‘ब्लॉकबस्टर ट्यूजडे’ ऑफर आपके लिए एक शानदार अवसर हो सकता है।

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7 मई 2025: देशभर में आपातकालीन मॉक ड्रिल का आयोजन, जानिए कैसे होगी तैयारी और संचालन

भारत में 7 मई 2025 को देशभर के 244 जिलों में एक विशाल मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता का परीक्षण और सुधार करना है। यह मॉक ड्रिल विभिन्न आपदाओं, जैसे बाढ़, भूकंप, वनाग्नि, और केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर (CBRN) आपदाओं से निपटने के लिए तैयारियों का मूल्यांकन करेगी। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि इस मॉक ड्रिल में क्या होगा, कैसे इसकी तैयारी की जा रही है और इसका उद्देश्य क्या है।

मॉक ड्रिल का उद्देश्य

आपदाओं के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना सरकार और संबंधित एजेंसियों के लिए बेहद जरूरी है। मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा प्रबंधन प्रणालियों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना है। इस मॉक ड्रिल के जरिए:

  • आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता का मूल्यांकन होगा।
  • आपदा प्रबंधन की प्रक्रियाओं का परीक्षण किया जाएगा।
  • समय पर राहत और बचाव कार्यों की योजना पर काम किया जाएगा।
  • आम नागरिकों को आपदा प्रबंधन की तैयारी और सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक किया जाएगा।

इसके अलावा, मॉक ड्रिल से संबंधित एजेंसियों को भी उनकी तैयारियों का जायजा मिलेगा, जिससे आने वाले समय में आपदाओं से निपटने के तरीके में सुधार किया जा सकेगा।

प्रमुख एजेंसियों की भागीदारी

इस मॉक ड्रिल में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), स्थानीय प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियां शामिल होंगी। इन सभी एजेंसियों का समन्वय आपदा प्रबंधन के लिए जरूरी है, और यही मॉक ड्रिल यह सुनिश्चित करेगी कि सभी एजेंसियां आपातकालीन स्थिति में प्रभावी तरीके से काम करें।

मॉक ड्रिल की प्रमुख विशेषताएं

  1. ब्लैकआउट और सायरन बजना:
    मॉक ड्रिल के दौरान देश के कुछ क्षेत्रों में ब्लैकआउट किया जाएगा, यानी कि बिजली की सप्लाई बंद कर दी जाएगी। इसके साथ ही सायरन बजाए जाएंगे, जो यह संकेत देंगे कि आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हो गई है और अब प्रतिक्रिया प्रक्रिया शुरू होगी।
  2. आपातकालीन प्रतिक्रिया कार्य:
    मॉक ड्रिल में विभिन्न आपदाओं के परिदृश्य पर आधारित आपातकालीन प्रतिक्रिया की प्रक्रिया का परीक्षण किया जाएगा। इसमें बचाव कार्य, चिकित्सा सहायता, संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों का सुरक्षित स्थानों पर जाना, और संचार व्यवस्था को परखा जाएगा।
  3. जनता की भागीदारी:
    आम नागरिकों को भी इस मॉक ड्रिल का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्हें आपदाओं से निपटने के लिए जरूरी जानकारी और कौशल सिखाए जाएंगे ताकि वे वास्तविक आपदा की स्थिति में सही तरीके से प्रतिक्रिया कर सकें।

विभिन्न आपदाओं पर केंद्रित अभ्यास

इस मॉक ड्रिल में विशेष रूप से विभिन्न आपदाओं से निपटने के लिए संबंधित विभागों और एजेंसियों का अभ्यास किया जाएगा। इन आपदाओं के लिए तैयारी इस प्रकार है:

1. बाढ़ प्रबंधन

भारत के कई हिस्सों में बाढ़ एक प्रमुख समस्या है। मॉक ड्रिल के दौरान बाढ़ की स्थिति में पानी के स्तर का बढ़ना, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना और त्वरित बचाव कार्य का अभ्यास किया जाएगा। इसमें नावों, लाइफ जैकेट्स और अन्य बचाव उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।

2. भूकंप प्रतिक्रिया

भारत में भूकंप का खतरा भी हमेशा रहता है। इस मॉक ड्रिल में भूकंप आने की स्थिति में इमारतों के गिरने, लोगों के फंसने और चिकित्सा आपातकाल की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया का अभ्यास किया जाएगा। इसमें बचाव दल, चिकित्सा टीम, और संचार व्यवस्था की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

3. वनाग्नि नियंत्रण

वनों में आग लगने की स्थिति में त्वरित रूप से आग बुझाने और प्रभावित व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के उपायों का परीक्षण किया जाएगा। इसके लिए फायर ब्रिगेड, वन विभाग और स्थानीय प्रशासन का सहयोग आवश्यक होगा।

4. CBRN आपदाएं

CBRN (Chemical, Biological, Radiological, and Nuclear) आपदाओं से निपटने के लिए विशेष तैयारियों की आवश्यकता होती है। इस मॉक ड्रिल में इन आपदाओं से निपटने के लिए तैयार किए गए उपकरणों और प्रक्रियाओं का परीक्षण किया जाएगा। इसमें सुरक्षा उपकरणों, सफाई की प्रक्रियाओं और सुरक्षित क्षेत्रों की पहचान का अभ्यास किया जाएगा।

मॉक ड्रिल की तैयारी

इस मॉक ड्रिल की योजना बनाने और उसे सही तरीके से संचालित करने के लिए सभी एजेंसियों ने पहले ही प्रशिक्षण सत्र, उपकरणों की जांच और समन्वय बैठकों का आयोजन किया है। इसके अलावा, आम जनता को मॉक ड्रिल के बारे में सूचित किया गया है ताकि वे इस दौरान घबराएं नहीं और सक्रिय रूप से भाग लें। इस प्रक्रिया में सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी तैयारी समय पर पूरी हो और सभी विभाग एक साथ काम करें।

निष्कर्ष

7 मई 2025 को होने वाली इस मॉक ड्रिल का आयोजन न केवल आपदा प्रबंधन तंत्र की मजबूती को प्रदर्शित करेगा, बल्कि यह जनता को आपदाओं के प्रति जागरूक करने का एक बड़ा कदम होगा। इसके माध्यम से आपदा के दौरान समन्वित प्रतिक्रिया, तत्काल बचाव कार्य और सार्वजनिक सुरक्षा के उपायों में सुधार होगा। मॉक ड्रिल से न केवल संबंधित एजेंसियों को अपनी तैयारियों का मूल्यांकन करने का मौका मिलेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि भारत आने वाले समय में किसी भी आपदा से प्रभावी ढंग से निपट सके

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एमपी बोर्ड टॉपर्स लिस्ट 2025: कक्षा 10वीं और 12वीं के टॉप 10 विद्यार्थियों की पूरी सूची

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने 6 मई 2025 को कक्षा 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम घोषित किए। इस वर्ष, छात्राओं ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए दोनों कक्षाओं में शीर्ष स्थान प्राप्त किए।

🏆 कक्षा 10वीं के टॉप 10 विद्यार्थी

रैंकनामअंक (500 में से)जिला
1प्रज्ञा जायसवाल500सिंगरौली
2आयुष द्विवेदी499रीवा
3शाइज़ा फातिमा498जबलपुर
4रिया शर्मा497भोपाल
5अंकित वर्मा496ग्वालियर
6स्नेहा पटेल495इंदौर
7राहुल मिश्रा494उज्जैन
8पूजा यादव493सागर
9दीपक सिंह492ग्वालियर
10अंजलि चौहान491जबलपुर


🎓 कक्षा 12वीं के टॉप 10 विद्यार्थी

रैंकनामअंक (500 में से)प्रतिशतस्ट्रीमजिला
1प्रियल द्विवेदी49298.4%विज्ञानसतना
2रिमझिम करोठिया49198.2%वाणिज्यग्वालियर
3हर्ष पांडे49098%विज्ञानसतना
4अंकुर यादव48997.8%कलाभोपाल
5गर्गी अग्रवाल48897.6%विज्ञानइंदौर
6हरिओम साहू48797.4%कृषिजबलपुर
7मोहित गुप्ता48697.2%विज्ञानग्वालियर
8स्नेहा पटेल48597%कलाजबलपुर
9प्रियंका शर्मा48496.8%वाणिज्यउज्जैन
10दीपक मिश्रा48396.6%विज्ञानरीवा


परीक्षा के प्रमुख आंकड़े

  • कक्षा 10वीं:
    • कुल उत्तीर्ण प्रतिशत: 76.22%
    • लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत: 79.27%
    • लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत: 73.21%
  • कक्षा 12वीं:
    • कुल उत्तीर्ण प्रतिशत: 74.48%
    • कुल परीक्षार्थी: 7 लाख से अधिक
    • टॉपर्स की कुल संख्या: 159 (जिसमें 89 छात्राएं शामिल हैं)

📅 परीक्षा और मूल्यांकन प्रक्रिया

  • परीक्षा तिथियां:
    • कक्षा 10वीं: 27 फरवरी से 21 मार्च 2025
    • कक्षा 12वीं: 25 फरवरी से 25 मार्च 2025
  • मूल्यांकन प्रक्रिया:
    • उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन सख्ती से किया गया।
    • गलत मूल्यांकन पर शिक्षकों पर ₹100 का जुर्माना लगाया गया।
    • 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की उत्तरपुस्तिकाएं दोबारा जांची गईं।

परिणाम कैसे देखें?

ऑनलाइन:

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं:
  2. “MP Board Result 2025” लिंक पर क्लिक करें।
  3. अपना रोल नंबर और आवेदन क्रमांक दर्ज करें।
  4. परिणाम स्क्रीन पर दिखाई देगा, जिसे डाउनलोड और प्रिंट करें।

मोबाइल ऐप से:

  1. Google Play Store से “MPBSE MOBILE App” या “MP Mobile App” डाउनलोड करें।
  2. ऐप खोलें और “Know Your Result” विकल्प चुनें।
  3. अपना रोल नंबर और आवेदन क्रमांक दर्ज करें।
  4. परिणाम स्क्रीन पर दिखाई देगा, जिसे डाउनलोड करें।

एसएमएस से:

  1. मैसेज बॉक्स में जाएं।
  2. टाइप करें: MPBSE10 <रोल नंबर> या MPBSE12 <रोल नंबर>
  3. इसे 56263 पर भेजें।
  4. कुछ ही समय में आपका परिणाम आपके मोबाइल पर प्राप्त होगा।

एमपी बोर्ड परीक्षा 2025 में छात्राओं ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दोनों कक्षाओं में शीर्ष स्थान प्राप्त किए। यह उपलब्धि न केवल उनके कठिन परिश्रम का परिणाम है, बल्कि राज्य में शिक्षा के स्तर में हो रहे सुधार का भी संकेत है। सभी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं!

एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं परिणाम 2025: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया परिणाम घोषित, जानें डायरेक्ट लिंक, आंकड़े और आगे की प्रक्रिया

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने कक्षा 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम 2025 घोषित कर दिए हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में परिणामों की घोषणा की। छात्र अब अपने परिणाम आधिकारिक वेबसाइट्स पर जाकर देख सकते हैं।

परिणाम चेक करने के लिए डायरेक्ट लिंक

छात्र अपने परिणाम निम्नलिखित आधिकारिक वेबसाइट्स पर जाकर चेक कर सकते हैं:

कैसे चेक करें परिणाम:

  1. उपरोक्त वेबसाइट्स में से किसी एक पर जाएं।
  2. “MP Board 10th/12th Result 2025” लिंक पर क्लिक करें।
  3. अपना रोल नंबर और जन्म तिथि दर्ज करें।
  4. सबमिट बटन पर क्लिक करें।
  5. आपकी मार्कशीट स्क्रीन पर दिखाई देगी, जिसे डाउनलोड और प्रिंट करें।

परिणाम के प्रमुख आंकड़े

कक्षा 10वीं:

  • कुल उत्तीर्ण प्रतिशत: 63.29%
  • लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत: 66.47%
  • लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत: 60.26%
  • प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्र: 3,39,441
  • द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण छात्र: 1,73,290
  • तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण छात्र: 3,224

कक्षा 12वीं:

  • कुल उत्तीर्ण प्रतिशत: 64.48%
  • लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत: 70.86%
  • लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत: 63.84%

मोबाइल ऐप और एसएमएस के माध्यम से परिणाम

मोबाइल ऐप से:

  1. Google Play Store से “MPBSE MOBILE App” या “MP Mobile App” डाउनलोड करें।
  2. ऐप खोलें और “Know Your Result” विकल्प चुनें।
  3. अपना रोल नंबर और आवेदन क्रमांक दर्ज करें।
  4. परिणाम स्क्रीन पर दिखाई देगा, जिसे डाउनलोड करें।

एसएमएस से:

  1. मैसेज बॉक्स में जाएं।
  2. टाइप करें: MPBSE10 <रोल नंबर> या MPBSE12 <रोल नंबर>
  3. इसे 56263 पर भेजें।
  4. कुछ ही समय में आपका परिणाम आपके मोबाइल पर प्राप्त होगा।

📝 मूल्यांकन प्रक्रिया और शिक्षक दायित्व

इस वर्ष, उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में विशेष सावधानी बरती गई है। यदि कोई शिक्षक गलत मूल्यांकन करता है और एक अंक भी अधिक देता है, तो उस पर ₹100 का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, जिन छात्रों को 90% से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं या जिन्हें एक भी अंक नहीं मिला है, उनकी उत्तरपुस्तिकाएं दोबारा जांची जाएंगी।

पूरक परीक्षा और “रुक जाना नहीं” योजना

जो छात्र एक या दो विषयों में असफल हुए हैं, उनके लिए जुलाई में पूरक परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, “रुक जाना नहीं” योजना के तहत, असफल छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलेगा।

🎓 आगे की योजना: क्या करें अब?

कक्षा 10वीं के छात्र:

  • स्ट्रीम चयन: विज्ञान, वाणिज्य या कला में से किसी एक स्ट्रीम का चयन करें।
  • स्कूल चयन: अपने चुने हुए स्ट्रीम के अनुसार उपयुक्त स्कूल में प्रवेश लें।
  • करियर काउंसलिंग: यदि आप स्ट्रीम चयन को लेकर असमंजस में हैं, तो करियर काउंसलर से सलाह लें।

कक्षा 12वीं के छात्र:

  • कॉलेज प्रवेश: अपने चुने हुए कोर्स के अनुसार कॉलेजों में आवेदन करें।
  • प्रतियोगी परीक्षाएं: यदि आप इंजीनियरिंग, मेडिकल या अन्य पेशेवर कोर्स करना चाहते हैं, तो संबंधित प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करें।
  • स्कॉलरशिप: विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्तियों के लिए आवेदन करें।

📄 मूल मार्कशीट और प्रमाण पत्र

छात्रों को उनकी मूल मार्कशीट और प्रमाण पत्र उनके संबंधित स्कूलों से प्राप्त होंगे। जब तक मूल प्रमाण पत्र नहीं मिलते, तब तक ई-मार्कशीट का उपयोग करके आगे की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।

निष्कर्ष

एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं के परिणाम 2025 घोषित हो चुके हैं। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे अपने परिणाम जल्द से जल्द चेक करें और आगे की योजना बनाएं। जो छात्र असफल हुए हैं, वे निराश न हों; उनके लिए पूरक परीक्षा और “रुक जाना नहीं” योजना के तहत अवसर उपलब्ध हैं। सभी छात्रों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं!

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आदर्श नवदुर्गा एवं बाबा खाटू श्याम मंदिर स्थापना दिवस विशेष: 22 से 24 मई तक होंगे भव्य धार्मिक आयोजन

भोपाल – श्रद्धा, भक्ति और आस्था का संगम इस मई माह में देखने को मिलेगा, जब आदर्श नवदुर्गा एवं बाबा खाटू श्याम मंदिर में स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 22 से 24 मई 2025 तक तीन दिवसीय भव्य धार्मिक आयोजन आयोजित किए जाएंगे।

मां वैष्णो धाम आदर्श नवदुर्गा मंदिर एवं बाबा खाटू श्याम मंदिर, प्लेटिनम प्लाज़ा, अपनी स्थापना के दो गौरवशाली साल पूर्ण कर रहा है। इस अवसर पर 22, 23 और 24 मई 2025 को वार्षिक उत्सव एवं स्थापना दिवस महोत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा।

कार्यक्रम की प्रमुख तिथियां एवं आयोजन

🔹 22 मई (गुरुवार): कलश यात्रा एवं घट स्थापना

  • प्रातः 8:00 बजे: शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से निकलेगी
  • 11:00 बजे: कलश स्थापना एवं वैदिक मंत्रोच्चार से घट स्थापना
  • संध्या 7:00 बजे: भजन संध्या – स्थानीय व राष्ट्रीय कलाकारों की प्रस्तुति

🔹 23 मई (शुक्रवार): हवन पूजन व कथा श्रवण

  • प्रातः 9:00 बजे: सामूहिक हवन एवं विशेष दुर्गा सप्तशती पाठ
  • दोपहर 12:00 बजे: महाप्रसादी वितरण
  • शाम 6:00 बजे: खाटू श्याम महिमा कथा – श्री श्यामप्रेमी संतो द्वारा कथा वाचन
  • रात्रि 9:00 बजे: जागरण एवं भजन कीर्तन (खाटू धाम शैली में)

🔹 24 मई (शनिवार): शोभा यात्रा एवं संगीतमय रथ यात्रा

  • सुबह 8:00 बजे: बाबा श्याम की रथ यात्रा मंदिर से नगर भ्रमण पर निकलेगी
  • 11:00 बजे: विशेष श्रृंगार दर्शन
  • दोपहर 1:00 बजे: सामूहिक आरती एवं भंडारा
  • शाम 6:00 बजे: विशेष श्याम भजन संध्या – प्रसिद्ध कलाकारों की प्रस्तुति

🛕 मंदिर का महत्व और श्रद्धालुओं का उत्साह

भोपाल में स्थित आदर्श नवदुर्गा एवं बाबा खाटू श्याम मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि समाज और संस्कृति का केंद्र भी बन चुका है।
यह मंदिर अपनी दिव्यता, अनुशासन और नियमित आयोजन के लिए पूरे शहर में प्रसिद्ध है।

स्थापना दिवस के मौके पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में देश के विभिन्न कोनों से भी पधारते हैं।

क्या खास रहेगा इस बार?

  • 108 कलशों के साथ महिलाएं शोभायात्रा में भाग लेंगी
  • बाल कलाकारों द्वारा रामायण और दुर्गा लीला की प्रस्तुति
  • विशाल भंडारा – हर दिन सभी श्रद्धालुओं के लिए
  • सेल्फी प्वाइंट और सजावटी द्वार, जहां लोग यादें संजो सकेंगे
  • सुरक्षा एवं चिकित्सा सुविधा, महिलाओं व बुजुर्गों के लिए विशेष व्यवस्था

सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध:

  • समय से कार्यक्रम में पधारें
  • पर्यावरण का ध्यान रखते हुए प्लास्टिक मुक्त आयोजन में सहयोग करें
  • श्रद्धा के साथ अनुशासन बनाए रखें
  • मंदिर समिति के निर्देशों का पालन करें

जय मातादी – जय श्री श्याम

“एक दीप श्रद्धा का, एक दीप प्रेम का, और एक दीप सेवा का…
मिलकर मनाएं स्थापना दिवस का पर्व, जिसमें रच-बस जाए भक्ति का रंग।”


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भोपाल में 8 हजार पेड़ों को बचाने की जंग: 18 मई को अयोध्या बायपास पर होगा जनआंदोलन

भोपाल, जिसे झीलों के शहर के नाम से जाना जाता है, अब एक नए पहचान संकट से जूझ रहा है — हरियाली बनाम विकास। इस बार केंद्र में है अयोध्या बायपास, जहां सड़क चौड़ीकरण की योजना के तहत 8,000 से अधिक पेड़ों की कटाई प्रस्तावित है। लेकिन भोपाल के जागरूक नागरिक, पर्यावरण प्रेमी और कई सामाजिक संगठन इस पर चुप नहीं हैं।

18 मई 2025 को एक बड़ा आंदोलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें हज़ारों लोग अयोध्या बायपास पर जुटेंगे और “हर पेड़ बचे, हर सांस बचे” के नारे के साथ सरकार और NHAI (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) को यह संदेश देंगे कि पर्यावरण कोई समझौते की चीज़ नहीं है

क्या है मामला?

NHAI द्वारा भोपाल के अयोध्या बायपास को फोर लेन से सिक्स लेन करने की योजना पर काम चल रहा है। इस परियोजना के तहत:

  • सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी
  • आसपास की जमीन का अधिग्रहण होगा
  • और करीब 8,000 पेड़ों को काटा जाएगा

यह क्षेत्र पहले से ही हरा-भरा माना जाता है और भोपाल की वायु गुणवत्ता को बनाए रखने में एक अहम भूमिका निभाता है।

लोगों का आक्रोश क्यों?

✅ 1. हरियाली पर हमला

8,000 पेड़ सिर्फ संख्या नहीं हैं — ये हैं:

  • हजारों पक्षियों का बसेरा
  • लाखों लोगों की सांसों का सहारा
  • गर्मी में छांव देने वाला प्राकृतिक कवच

✅ 2. विकास बनाम विनाश

लोगों का मानना है कि:

  • “विकास” के नाम पर लगातार हरित क्षेत्र काटे जा रहे हैं
  • शहरीकरण को बेहतर योजना और तकनीकी से किया जा सकता है, पेड़ों की बलि देकर नहीं

✅ 3. पर्यावरणीय संतुलन खतरे में

भोपाल पहले ही जलवायु परिवर्तन और गर्मी की मार झेल रहा है। ऐसे में अगर ये पेड़ कट गए, तो:

  • तापमान और बढ़ेगा
  • वायु प्रदूषण स्तर खतरनाक हो सकता है
  • स्थानीय जैव विविधता पर भारी असर पड़ेगा

18 मई का जनांदोलन – क्या होने वाला है?

भोपाल के सैकड़ों नागरिक समूहों ने मिलकर “पेड़ बचाओ, भोपाल बचाओ” अभियान की शुरुआत की है।
इस आंदोलन की खास बातें:

  • स्थान: अयोध्या बायपास रोड, भोपाल
  • दिनांक: 18 मई 2025 (रविवार)
  • समय: सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक
  • स्वरूप: मानव श्रृंखला, नारेबाज़ी, पोस्टर अभियान, सांस्कृतिक कार्यक्रम

कौन-कौन जुड़ेगा?

  • पर्यावरण कार्यकर्ता
  • छात्र संगठन
  • बुजुर्ग, महिलाएं, और बच्चे
  • शहर के डॉक्टर, वकील, इंजीनियर
  • कलाकार और लेखक भी हिस्सा लेंगे

🗣️ कार्यकर्ताओं की क्या मांग है?

  1. परियोजना को पुनः डिज़ाइन किया जाए ताकि पेड़ों को नुकसान न पहुंचे
  2. सड़क विस्तार भूमिगत या वैकल्पिक मार्ग से हो
  3. एनवायरमेंट इंपैक्ट स्टडी (EIA) पारदर्शी ढंग से की जाए
  4. यदि कटाई अनिवार्य हो तो पहले 1 पेड़ के बदले 10 पेड़ रोपित किए जाएं और उनकी देखरेख सुनिश्चित हो

सोशल मीडिया पर जोरदार समर्थन

#SaveBhopalTrees और #PedBachao जैसे हैशटैग ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ट्रेंड कर रहे हैं।
लोग पोस्टर, वीडियो और कविताओं के ज़रिए अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं।

कई युवाओं ने इस अभियान को अपने कॉलेज प्रोजेक्ट्स से जोड़ लिया है, और कलाकार “ग्रीन आर्ट इंस्टॉलेशन” बना रहे हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

NHAI और नगर निगम का कहना है कि:

“हमारी प्राथमिकता जनसुविधा है। पेड़ कटेंगे, लेकिन पर्याप्त संख्या में नए लगाए जाएंगे।”

परंतु पर्यावरणविद सवाल कर रहे हैं:

  • “क्या नए पौधे 30 साल पुराने वट वृक्ष या पीपल के विकल्प हो सकते हैं?”
  • “क्या रोपित किए गए पौधों की निगरानी की जाती है?”

पिछले वर्षों में लगे हजारों पौधों में से 80% पौधे जीवित नहीं रह पाए — यह सरकारी आंकड़ों में भी दर्ज है।

क्या है कानूनी स्थिति?

  • इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1927 के तहत, बड़े पैमाने पर पेड़ काटने के लिए पर्यावरण स्वीकृति और जन-सुनवाई आवश्यक होती है
  • राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने कई मामलों में आदेश दिया है कि पेड़ काटने से पहले स्थानीय लोगों की सहमति जरूरी है

इस केस में जन-सुनवाई का पारदर्शी रूप से आयोजन नहीं हुआ — यही कार्यकर्ताओं की सबसे बड़ी आपत्ति है।

इतिहास गवाह है – जब जनता ने बचाए पेड़

  • चिपको आंदोलन (1973): उत्तराखंड की महिलाएं पेड़ों से चिपक गई थीं
  • नर्मदा बचाओ आंदोलन: लाखों लोगों ने विस्थापन और पर्यावरण विनाश के खिलाफ आवाज उठाई
  • मुंबई के आरे जंगल आंदोलन: मेट्रो कार शेड के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतरे

भोपाल का यह आंदोलन भी एक ऐसे ही ऐतिहासिक पर्यावरण संघर्ष की शुरुआत बन सकता है।

विकल्प क्या हैं?

  1. एलिवेटेड रोड या सर्विस रोड डिज़ाइन में बदलाव
  2. सड़क के दोनों तरफ ग्रीन बेल्ट को बरकरार रखते हुए चौड़ीकरण
  3. परियोजना को पुनः सामाजिक व पर्यावरणीय दृष्टि से मूल्यांकन करना

निष्कर्ष

भोपाल के लोग सिर्फ पेड़ नहीं बचा रहे — वे अपने शहर का भविष्य बचा रहे हैं।
8,000 पेड़ों की कटाई एक आंकड़ा नहीं, 8,000 जीवनदायिनी इकाइयों का नुकसान है।

यह आंदोलन सरकार को यह याद दिलाने का प्रयास है कि विकास का अर्थ विनाश नहीं होना चाहिए।
सड़कें बननी चाहिए, लेकिन उस कीमत पर नहीं जो हमें सांस लेने के अधिकार से वंचित कर दे।

क्या आप भी साथ हैं?

अगर आप भोपाल या मध्यप्रदेश से हैं, या सिर्फ इस धरती से प्यार करते हैं — तो इस आंदोलन का हिस्सा बनिए:

  • 18 मई को अयोध्या बायपास आइए
  • सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाइए
  • हर पेड़ के लिए एक आवाज़ बनिए

क्योंकि पेड़ नहीं रहेंगे, तो शहर भी नहीं रहेगा।


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MP में लव जिहादियों की खैर नहीं! SIT करेगी हर मामले की जांच, CM मोहन का सख्त निर्देश

मध्य प्रदेश में “लव जिहाद” के मामलों को लेकर सरकार ने एक बार फिर सख्ती दिखाते हुए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने साफ निर्देश दिए हैं कि राज्य में कथित “लव जिहाद” से जुड़े हर मामले की गहन जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) करेगी। सरकार की इस नई पहल से प्रदेश में इस मुद्दे को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है।

लव जिहाद: विवादित लेकिन चर्चित मुद्दा

“लव जिहाद” शब्द का प्रयोग उस स्थिति में किया जाता है जब एक धर्म विशेष के युवक पर आरोप लगता है कि वह झूठी पहचान या धोखे से किसी अन्य धर्म की लड़की को प्रेमजाल में फंसाकर विवाह करता है और फिर उसका धर्म परिवर्तन करवाता है। हालांकि, यह शब्द कानूनी या संवैधानिक रूप से मान्य नहीं है, लेकिन राजनीतिक और सामाजिक चर्चाओं में यह बार-बार सामने आता रहा है।

CM मोहन यादव का कड़ा रुख

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में हुई एक हाई-लेवल मीटिंग में स्पष्ट किया कि राज्य में किसी भी महिला के साथ धोखे से विवाह, जबरन धर्म परिवर्तन या पहचान छुपाकर संबंध बनाने जैसे मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाए और SIT के माध्यम से निष्पक्ष जांच करवाई जाए।

उनका कहना है कि यह कदम सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ही नहीं, बल्कि राज्य की बेटियों की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।

SIT क्या करेगी?

SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) राज्य सरकार द्वारा गठित एक विशेष टीम होती है, जिसे किसी विशेष मुद्दे की गंभीरता और जटिलता को देखते हुए नियुक्त किया जाता है। SIT निम्नलिखित कार्य करेगी:

  • हर शिकायत की निष्पक्ष जांच
  • सबूतों का वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण
  • संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ और गवाही एकत्र करना
  • मामले में पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करना
  • आवश्यक होने पर कोर्ट में चार्जशीट प्रस्तुत करना

पहले भी उठे हैं लव जिहाद के मुद्दे

मध्य प्रदेश सरकार ने इससे पहले 2021 में “मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम” लागू किया था। इस कानून के अंतर्गत धोखे से विवाह करने, जबरन धर्म परिवर्तन कराने या दबाव बनाकर शादी करने पर कठोर सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया था।

अब SIT की नियुक्ति के साथ यह स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे को लेकर पहले से अधिक सतर्क है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इस कदम के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है। जहां बीजेपी सरकार इसे “बेटियों की रक्षा” के लिए जरूरी बता रही है, वहीं विपक्षी दल इसे धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति करार दे रहे हैं।

कांग्रेस के प्रवक्ता का कहना है कि सरकार “लव जिहाद” के नाम पर अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बना रही है, जबकि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की असली वजहें कुछ और हैं – जैसे कि असमान शिक्षा, सामाजिक जागरूकता की कमी, और पुलिस की कार्यप्रणाली।

सामाजिक संगठन और जनता की राय

इस मुद्दे को लेकर समाज में भी मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई सामाजिक संगठन और महिला अधिकार समूह इस पहल का समर्थन कर रहे हैं और मानते हैं कि महिलाओं को धोखाधड़ी से बचाने के लिए इस प्रकार की सख्ती जरूरी है। वहीं, कुछ बुद्धिजीवी और मानवाधिकार संगठनों का मानना है कि इससे धार्मिक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत अधिकारों का हनन हो सकता है।

कानूनी नजरिया

भारतीय संविधान हर नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता, विवाह की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है। ऐसे में सवाल उठता है कि किसी प्रेम विवाह को “लव जिहाद” कहना कहां तक न्यायोचित है? यही कारण है कि कई बार ऐसे मामलों में अदालतों ने पुलिस या प्रशासन को भी फटकार लगाई है।

हालांकि, अगर किसी मामले में सच में धोखाधड़ी या जबरन धर्म परिवर्तन पाया जाता है, तो भारतीय दंड संहिता के तहत वह अपराध की श्रेणी में आता है, और उस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

महिलाओं की सुरक्षा बनाम सामाजिक ध्रुवीकरण

सवाल यह है कि क्या सरकार का यह कदम वास्तव में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर है, या फिर यह किसी राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा है? इसका जवाब शायद समय ही देगा, लेकिन एक बात स्पष्ट है – समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों पर रोक लगाना अत्यंत आवश्यक है।

यदि सरकार का मकसद ईमानदारी से धोखाधड़ी और जबरन धर्म परिवर्तन को रोकना है, तो यह कदम सराहनीय है। लेकिन अगर इसका दुरुपयोग निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए किया गया, तो इससे समाज में नफरत और अविश्वास की भावना बढ़ सकती है।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश सरकार का “लव जिहाद” पर SIT की नियुक्ति का निर्णय निश्चित रूप से एक बड़ा और प्रभावशाली कदम है। यह कदम महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत संकेत देता है, लेकिन इसके क्रियान्वयन की पारदर्शिता और निष्पक्षता अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।

राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह पहल किसी एक समुदाय के खिलाफ न बन जाए, बल्कि इसका उद्देश्य सभी नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा हो। कानून का पालन सबके लिए एक समान होना चाहिए — यही एक सशक्त, समावेशी और न्यायपूर्ण समाज की पहचान है।

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मध्यप्रदेश में गेहूं खरीदी के मिल रहे टोकन: किसानों के लिए राहत या नई परेशानी?

हर साल रबी सीजन में किसानों को सबसे ज़्यादा उम्मीद रहती है कि उनकी गेहूं की फसल सरकारी समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी जाएगी। मध्यप्रदेश, जो देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में से एक है, में इस साल गेहूं की खरीदी प्रक्रिया को लेकर कई बदलाव हुए हैं। सरकार द्वारा ऑनलाइन टोकन प्रणाली लागू किए जाने के बाद किसानों को टोकन मिलने शुरू हो गए हैं, लेकिन इसके साथ कुछ समस्याएं और सवाल भी उठ खड़े हुए हैं।

गेहूं खरीदी के लिए टोकन प्रणाली क्या है?

सरकार ने गेहूं की खरीदी को व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के लिए टोकन प्रणाली शुरू की है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत:

  • किसान ई-उपार्जन पोर्टल या लोक सेवा केंद्र के माध्यम से पंजीकरण कराते हैं।
  • पंजीकरण के बाद उन्हें एक टोकन (Token) जारी किया जाता है जिसमें गेहूं बेचने की तारीख, मंडी/क्रय केंद्र और समय का उल्लेख होता है।
  • बिना टोकन के किसी भी किसान को गेहूं बेचने की अनुमति नहीं है।

इस व्यवस्था का उद्देश्य भीड़भाड़ को कम करना, फसल का समय पर उठाव सुनिश्चित करना और बिचौलियों की भूमिका को समाप्त करना है।

टोकन मिलने की प्रक्रिया

इस वर्ष 2025 की खरीदी प्रक्रिया में किसानों को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से टोकन जारी किए जा रहे हैं। कई जिलों में किसानों को अप्रैल के अंतिम सप्ताह से लेकर मई की शुरुआत तक के टोकन जारी हो चुके हैं। यह टोकन SMS, पोर्टल या लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

प्रमुख बातें:

  • इस बार गेहूं खरीदी 15 मार्च से शुरू हुई और इसे 31 मई 2025 तक चलाने की योजना है।
  • खरीदी 2100 रुपए प्रति क्विंटल (समर्थन मूल्य) पर की जा रही है।
  • किसानों को पहले पंजीकरण और फिर टोकन जारी होने की तिथि पर फसल बेचने का अवसर मिलेगा।

किसानों को मिल रही राहत

कुछ जिलों जैसे इंदौर, उज्जैन, सीहोर, और विदिशा के किसानों ने बताया कि इस बार टोकन प्रणाली थोड़ी बेहतर है क्योंकि:

  • उन्हें पहले से ही दिन और समय पता होता है, जिससे उन्हें मंडियों में लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता।
  • फसल की तौल और भुगतान की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी है।
  • SMS और ऑनलाइन अपडेट्स के माध्यम से जानकारी मिल रही है।

किसानों की समस्याएं भी कम नहीं

हालांकि, इस प्रणाली के साथ कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं:

1. टोकन मिलने में देरी

कई किसानों को पंजीकरण के हफ्तों बाद भी टोकन नहीं मिला, जिससे उन्हें चिंता है कि कहीं खरीदी का समय निकल न जाए।

2. तकनीकी समस्याएं

ई-उपार्जन पोर्टल पर बार-बार लोड अधिक होने से साइट क्रैश हो रही है, जिससे किसान बार-बार प्रयास करने के बाद भी टोकन डाउनलोड नहीं कर पा रहे।

3. लोक सेवा केंद्रों पर भीड़

डिजिटल साक्षरता की कमी के कारण अधिकतर किसान CSC (लोक सेवा केंद्र) पर निर्भर हैं, जहां लंबी लाइनें और समय की बर्बादी होती है।

4. मौसम की मार और टोकन की तारीख

कई किसानों की फसल पहले ही तैयार हो चुकी है, लेकिन उन्हें मई के अंत की तारीख के टोकन मिले हैं। ऐसे में फसल को लंबे समय तक स्टोर करना भारी पड़ रहा है – खासकर बारिश की आशंका के बीच।

सरकार की ओर से प्रयास

मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कुछ राहत कदम उठाए हैं:

  • जिन किसानों को टोकन नहीं मिला है, उनके लिए “प्रतीक्षा सूची” तैयार की जा रही है।
  • कुछ जिलों में अतिरिक्त क्रय केंद्र खोलने के निर्देश दिए गए हैं।
  • 24×7 हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं जहाँ किसान अपनी समस्याएं दर्ज करा सकते हैं।
  • टोकन वितरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए तकनीकी टीमों को सक्रिय किया गया है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और आलोचना

विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि:

  • यह पूरी प्रक्रिया “कागज़ी सुधार” बनकर रह गई है।
  • किसानों की तकनीकी सहायता के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है।
  • खरीदी केंद्रों पर अब भी भ्रष्टाचार और दलाली कायम है।

वहीं, सरकार का कहना है कि यह टोकन प्रणाली किसानों को “सम्मानपूर्वक और व्यवस्थित” रूप से गेहूं बेचने का मौका देती है और आने वाले समय में इससे किसानों को और अधिक लाभ मिलेगा।

भविष्य की संभावनाएं

अगर टोकन वितरण और खरीदी प्रक्रिया में और सुधार लाया जाए, तो यह मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है। इसके लिए जरूरी है कि:

  • तकनीकी व्यवस्था को और मजबूत किया जाए।
  • ग्राम स्तर पर हेल्प डेस्क और जागरूकता शिविर लगाए जाएं।
  • फसल की गुणवत्ता की जांच और तौल में पारदर्शिता रखी जाए।
  • भुगतान प्रक्रिया को समयबद्ध किया जाए।

निष्कर्ष

मध्यप्रदेश में गेहूं खरीदी के लिए टोकन प्रणाली का उद्देश्य किसानों को सहूलियत देना है, लेकिन इसका क्रियान्वयन कुछ स्थानों पर अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पा रहा है। यह प्रणाली तभी सफल मानी जाएगी जब हर किसान समय पर अपना गेहूं बेच सके, बिना किसी तकलीफ के।

सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टोकन वितरण में पारदर्शिता बनी रहे, तकनीकी समस्याओं का समाधान शीघ्र हो, और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ बिना देरी के प्राप्त हो।

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महाकाल मंदिर की छत पर आग: बैटरियों में लगी भीषण आग, भक्तों का प्रवेश रोकना पड़ा

उज्जैन के श्रद्धालुओं और महाकाल भक्तों के लिए 4 मई 2025 की सुबह एक चिंताजनक खबर लेकर आई। देश के सबसे पवित्र और प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर की छत पर अचानक आग लग गई। आग का कारण मंदिर परिसर में लगे एयर क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम (AQMS) की बैटरियों में हुआ विस्फोट बताया गया है।

इस घटना से पूरे शहर में हड़कंप मच गया, और सुरक्षा के मद्देनज़र तत्काल भक्तों का प्रवेश कुछ समय के लिए रोक दिया गया। हालांकि, प्रशासन और अग्निशमन विभाग की तत्परता से आग पर जल्द काबू पा लिया गया, और किसी भी बड़ी क्षति की सूचना नहीं है।

आग कैसे लगी? – प्रारंभिक जानकारी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, महाकाल मंदिर परिसर की छत पर एक एयर क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम लगाया गया था, जो मंदिर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता की निगरानी करता है। इसमें लगी बैटरियों में अचानक स्पार्किंग और शॉर्ट-सर्किट हुआ, जिसके कारण कुछ ही पलों में तेज धुआं और आग की लपटें उठने लगीं।

आग लगने की सूचना मिलते ही मंदिर सुरक्षा बल, अग्निशमन दल और जिला प्रशासन मौके पर पहुंचे और त्वरित कार्रवाई की।

मंदिर परिसर में अफरा-तफरी

आग की लपटें और छत से उठता धुआं देखकर मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं में भय फैल गया।

  • मंदिर प्रशासन ने तत्काल शयन आरती के बाद होने वाले दर्शन को अस्थायी रूप से रोक दिया।
  • सभी श्रद्धालुओं को बाहर सुरक्षित निकाल लिया गया
  • आग मंदिर की गर्भगृह या प्राचीन संरचना तक नहीं पहुंच सकी, यह राहत की बात रही।

भक्तों का प्रवेश क्यों रोका गया?

चूंकि आग मंदिर के ऊपर हिस्से में लगी थी, और उसके पास ही बिजली आपूर्ति व तकनीकी उपकरण मौजूद थे, सुरक्षा कारणों से प्रवेश रोकना जरूरी हो गया था।
इसके मुख्य कारण थे:

  • श्रद्धालुओं की जान जोखिम में न पड़े
  • दमकल की गाड़ियों को परिसर में सुचारु रूप से पहुंच मिल सके
  • तकनीकी टीम को मरम्मत और जांच कार्य में बाधा न हो

लगभग 2 घंटे के भीतर आग पर काबू पा लिया गया, और मंदिर दर्शन फिर से प्रारंभ कर दिए गए।

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

उज्जैन कलेक्टर, मंदिर समिति और पुलिस प्रशासन ने संयुक्त रूप से:

  • घटनास्थल का निरीक्षण किया
  • आग लगने के कारणों की जांच के आदेश दिए
  • AQMS बैटरी सिस्टम के सभी उपकरणों की सुरक्षा जांच शुरू की

दमकल विभाग ने बताया कि लीथियम-आयन बैटरियों के अधिक गर्म होने और ओवरलोड की वजह से यह दुर्घटना हुई हो सकती है।

क्या है एयर क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम (AQMS)?

यह प्रणाली मंदिर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को मापने और उसे नियंत्रण में रखने के लिए लगाई गई थी।
महाकाल लोक जैसे अत्यधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में यह सिस्टम:

  • प्रदूषण स्तर मापता है
  • CO2, धूल, तापमान जैसे डेटा रिकॉर्ड करता है
  • पर्यावरणीय संतुलन के लिए दिशा-निर्देश देने में सहायता करता है

परंतु, अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या इस सिस्टम की स्थापना और रखरखाव में लापरवाही बरती गई?

भविष्य की चिंताएं और सवाल

1. धार्मिक स्थलों में तकनीकी उपकरणों की सुरक्षा

क्या ऐसे पवित्र स्थलों पर तकनीकी उपकरणों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त उपाय किए गए हैं?

2. बैटरी सिस्टम की गुणवत्ता

क्या AQMS में प्रयोग की गई बैटरियां ISI प्रमाणित थीं?
क्या इनकी नियमित जांच होती थी?

3. मंदिर में आपदा प्रबंधन की तैयारी

क्या मंदिर परिसर में आपात स्थिति से निपटने के पर्याप्त इंतज़ाम हैं?
क्या स्टाफ को फायर ड्रिल व ट्रेनिंग दी जाती है?

मंदिर समिति का बयान

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने प्रेस को जानकारी दी कि:

“आग लगने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन किसी श्रद्धालु को नुकसान नहीं पहुंचा। मंदिर की कोई धार्मिक संरचना क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। समिति जल्द ही एक तकनीकी ऑडिट कराएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।”

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

घटना की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने चिंता व्यक्त की और कई लोगों ने सवाल उठाए:

  • क्या इस तरह की तकनीकी व्यवस्था मंदिर परिसर में उचित रूप से सुरक्षित है?
  • क्या पुरातात्विक और पवित्र स्थलों पर आधुनिक उपकरणों का उपयोग ठीक है?
  • प्रशासन को ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कितनी तैयार रहना चाहिए?

भविष्य के लिए सुझाव

  1. तकनीकी ऑडिट: मंदिर परिसर में लगे सभी डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का नियमित ऑडिट होना चाहिए।
  2. फायर सेफ्टी ट्रेनिंग: मंदिर कर्मचारियों और सुरक्षा स्टाफ को नियमित फायर सेफ्टी और आपातकालीन ट्रेनिंग दी जाए।
  3. प्राकृतिक रूप से संचालित सिस्टम: पवित्र स्थलों में बैटरी से चलने वाले उपकरणों की बजाय सौर ऊर्जा आधारित उपकरण प्राथमिकता से लगाए जाएं।
  4. श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि: ऐसी कोई भी तकनीकी व्यवस्था न लगाई जाए जो किसी भी स्थिति में श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर असर डाल सके।

निष्कर्ष

महाकाल मंदिर की छत पर लगी आग की घटना एक चेतावनी है कि आधुनिक तकनीक का उपयोग चाहे जितना भी उपयोगी हो, यदि उसमें सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम न हों, तो वह संकट का कारण बन सकती है।

मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों पर जहां लाखों श्रद्धालु रोज़ आते हैं, वहां हर छोटे-बड़े उपकरण की सुरक्षा, नियमित जांच और ज़िम्मेदारी तय करना अत्यंत आवश्यक है।

सौभाग्य से इस बार कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह एक सबक और अवसर है — व्यवस्थाओं को सुधारने का। उम्मीद है कि महाकाल मंदिर प्रशासन इस घटना से सीख लेकर आने वाले समय में और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और श्रद्धालु-हितकारी कदम उठाएगा।

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भोपाल में कथित लव जिहाद मामला: आरोपी फरहान का पुलिस रिमांड में चौंकाने वाला खुलासा

AG News | भोपाल | 3 मई, 2025 — भोपाल में हाल ही में एक गंभीर मामला सामने आया है जिसमें एक युवक, फरहान, को कथित रूप से हिंदू लड़कियों के साथ यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस रिमांड के दौरान फरहान ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिनसे समाज में चिंता और आक्रोश की लहर दौड़ गई है।

आरोपी का दावा: ‘सवाब’ का काम किया

पुलिस सूत्रों के अनुसार, फरहान ने रिमांड के दौरान बताया कि उसने कॉलेज में हमउम्र मुस्लिम लड़कों का एक गिरोह बनाया था, जिसका उद्देश्य केवल हिंदू लड़कियों से दोस्ती और प्रेम संबंध बनाना था। गिरोह में यह सख्त नियम था कि कोई भी मुस्लिम लड़की के साथ प्रेम संबंध नहीं बनाएगा। फरहान ने यह भी कहा कि उसे अपने कृत्य पर कोई पछतावा नहीं है और उसने ‘सवाब’ का काम किया है।

गिरोह की कार्यप्रणाली

पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गिरोह सोशल मीडिया और कॉलेज कैंपस के माध्यम से हिंदू लड़कियों से संपर्क करता था। पहले दोस्ती, फिर प्रेम संबंध और अंत में ब्लैकमेलिंग के जरिए यौन शोषण किया जाता था। गिरोह के सदस्य लड़कियों की आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो बनाकर उन्हें धमकाते थे।

पीड़िताओं की संख्या और बयान

अब तक पुलिस को कई पीड़िताओं के बयान मिले हैं, जिनमें से अधिकांश ने बताया कि उन्हें प्रेम जाल में फंसाकर ब्लैकमेल किया गया। कुछ पीड़िताओं ने यह भी बताया कि उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया।

पुलिस की कार्रवाई

भोपाल पुलिस ने फरहान की गिरफ्तारी के बाद गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि यह मामला केवल व्यक्तिगत अपराध नहीं बल्कि संगठित अपराध की दिशा में बढ़ता प्रतीत हो रहा है। पुलिस ने फरहान के मोबाइल और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच शुरू कर दी है।

कानूनी पहलू

इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 354 (महिला की लज्जा भंग करना), 506 (धमकी देना) और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यदि पीड़िताएं नाबालिग पाई जाती हैं, तो पोक्सो एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।

सामाजिक प्रतिक्रिया

इस मामले के सामने आने के बाद समाज में आक्रोश की लहर है। विभिन्न सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार समूहों ने इस घटना की निंदा की है और आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। वहीं, कुछ संगठनों ने इसे ‘लव जिहाद’ का मामला बताया है और सरकार से इस पर सख्त कानून बनाने की मांग की है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

राजनीतिक दलों ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी दलों ने सरकार पर कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया है, जबकि सत्तारूढ़ दल ने इस मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।

विशेषज्ञों की राय

सामाजिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामलों में समाज को सतर्क रहने की आवश्यकता है। युवाओं को जागरूक करना और उन्हें सही दिशा देना जरूरी है ताकि वे ऐसे जाल में न फंसें।

निष्कर्ष

भोपाल में सामने आया यह मामला समाज के लिए एक चेतावनी है। यह आवश्यक है कि हम सभी मिलकर ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठाएं और पीड़िताओं को न्याय दिलाने में सहयोग करें। साथ ही, युवाओं को जागरूक करना और उन्हें सही मार्गदर्शन देना भी हमारी जिम्मेदारी है।

📌 और जानिए FIR, IPC सेक्शन और मामले की कानूनी प्रक्रिया के बारे में
👉 भारतीय दंड संहिता (IPC) की आधिकारिक वेबसाइट

📌 POCSO कानून से जुड़ी विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें:
👉 POCSO एक्ट – भारत सरकार की आधिकारिक जानकारी

📌 महिला अधिकारों की जानकारी के लिए NCW पर जाएं:
👉 राष्ट्रीय महिला आयोग – NCW India

📌 ताजा पुलिस अपडेट्स और रिपोर्ट्स जानने के लिए:
👉 भोपाल पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट

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